रिपोर्टर - जगन्नाथ साहू, बालोद।
बालोद। balod news : जिले में तेंदूपत्ता खरीदी की शुरुआत वनांचल क्षेत्रों में हो चुकी है जिसके चलते वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगलों में जुटे हुए थे जो तेंदूपत्ता को तोड़ने के बाद उन्हें बिंडल बांधकर फड़ में बेचने को पहुँचे। जिले का एक तिहाई हिस्सा वनांचल क्षेत्रों से घिरा हुआ है जो वनांचल क्षेत्र में बसे लोगो की आमदानी का एक जरिया है। महुआ के साथ जंगल से प्राप्त हरा सोना अर्थात तेन्दूपत्ता भी आमदानी के दृष्टिकोण से वनांचल क्षेत्र लोगो के लिए बहुत ही ज्यादा बहुमूल्य संपदा है। जिसे पेड़ पौधो से तोड़ कर बिंडलो मे बांध संग्रहण केन्द्रो मे बेचकर लोग अपनी आय मे बढ़ोत्तरी कर सरकार की विभिन्न योजनाओ का लाभ उठाते है।
252 संग्रहण केन्द्रो के माध्यम से होगी खरीदी :
इस वर्ष भी लघुवनोंपज के तहत तेंदूपत्ता की खरीदी वन विभाग के माध्यम से की जा रही जिसके तहत प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी वन विभाग द्वारा जिले के 17 समितियो के माध्यम से 252 संग्रहण केन्द्रो से तेन्दूपत्ता की खरीदी की जा रही है । जिले में इस वर्ष लघुवनोंपज के तहत 25800 मानक बोरा खरीदी का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। वहीं लघुवनोंपज के तहत पिछले वर्ष 2023 के अनुसार जिले में कुल 19031.185 मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी 22441संग्राहको से की गईं थी जिसकी कुल राशि 76124 740 करोड़ रूपये हितग्राहियो को वितरण की गईं थी।
5500 रूपये प्रति मानक बोरे की दर से होगी खरीदी :
जिले में वन विभाग के माध्यम से लघुवनोंपज के तहत तेंदूपत्ता की खरीदी की जा रही है जिसका अब उन्हें इस वर्ष ज्यादा लाभ मिलेगा क्योंकि अब हितग्राहियो को उनके बैंक खातों के माध्यम से प्रति सैकड़े 400रूपये से बढ़कर अब प्रति सैकड़े 550 रूपये की दर से राशि वितरण किया जाएगा। पिछले वर्ष प्रति मानक बोरा 4000 रूपये की दर से संग्राहको को भुगतान किया गया था लेकिन इस वर्ष 5500 रूपये प्रति मानक बोरे की दर से भुगतान होगी जिससे लघुवनोंपज के तहत तेंदूपत्ता संग्रहण परिवार के हितग्राहियो को सीधा लाभ मिलेगा और गरीब परिवार की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
फड़ मुंशी और कर्मचारियों की हुई है नियुक्ति :
हितग्राही अनुसूईया बाई साहू ने बताया की गाँव में कोतवाल के माध्यम से पत्ता तोड़ने के लिए मुनियादी की गईं थी और प्रत्येक बिंडल में 50 पत्ते होना अनिवार्य किया गया है तभी पत्ते की खरीदी फड़ मुंशी के माध्यम से किया जाएगा। बड़भूम समिति प्रबंधक जीएस उषारे ने बताया कि तेंदूपत्ता की गड्डी में 50 पत्ते का होना अनिवार्य है. इसकी गिनती के लिए फड़ो में फड़ मुंशी के साथ ही अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की गईं है, जो पत्ते गड्डी और गुणवत्ता पर ध्यान देंगे।