भोपाल। गैरतगंज से 13 माह का रुहान तेज बुखार और दो माह से लगातार बार-बार उल्टी आने की समस्या के चलते एम्स की पेडियाट्रिक ओपीडी में पहुंचा। बच्चे की जांच में उसका वजन मात्र पांच किलो और लंबाई 73 सेंटीमीटर पाई गई, जो सामान्य एक साल के बच्चे से आधा वजन था, जिसे देखते ही डॉक्टरों ने तत्काल उसे अस्पताल की स्मार्ट यूनिट में भर्ती किया। यहां उसमें गंभीर कुपोषण, फेफड़ों की टीबी और खून की कमी जैसी समस्याएं पाई गई। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे की स्थिति इतनी खराब थी कि अंगों की कार्यक्षमता बुरी तरह से प्रभावित हो गई थी। इलाज में देरी या चूक मौत का कारण बन सकती थी। अब सामान्य बच्चों की तरह उसका विकास हो रहा है।
पहले से बेहतर हुई रुहान की सेहत
डिसचार्ज होने के 20 दिन बाद जब रुहान पहले फॉलोअप के लिए पहुंचा तो उसका वजन 7.040 किलोग्राम था। वह पहले से काफी चंचल था। डिसचार्ज होने 50 दिन बाद दूसरे फॉलोअप में आने पर उसका वजन 7.500 किलोग्राम था। शरीर में बाहर से दिखने वाली हड्डी कम हो गई थी। तीसरी बार डिसचार्ज होने 80 दिन बाद आने पर उसका वजन 8 किलोग्राम और चौथी बार बीते सप्ताह आने पर उसका 8.200 किलोग्राम देखने को मिला। साथ ही वो खुद बैठने भी लगा है।
टीबी को कंट्रोल करने के लिए दवा दी
रुहान को लेकर परिजन साल 2023 में 8 दिसंबर को एम्स भोपाल पहुंचे। इस दौरान देखने को मिला कि रूहान का वजन 5.165 किलोग्राम और लंबाई 73 सेमी थी। मध्य-ऊपरी भुजा परिधि (एमयूएसी) 8.1 सेमी और हीमोग्लोबिन का स्तर 8.26 पाया गया। बच्चों में सबसे पहले फेफड़ों की टीबी को कंट्रोल करने के लिए दवा दी गई। इस दौरान परिवार के सदस्यों को भी उचित भोजन की आदतों और साफ-सफाई की जानकारी दी गई। 16वे दिन जब बच्चे को डिस्चार्ज किया गया, तब उसका वजन 6.10 किलोग्राम और एमयूएसी 8.9 सेमी था।