रिपोर्ट शुभम जैन
भिंड। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में मची भगदड़ में भिंड से एक और नाम शामिल हो गया है, जो देवाशीष जरारिया का है। जरारिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बहुजन के हाथी की सवारी को चुन लिया है। इनके इस फैसले के साथ ही पार्टी द्वारा उन्हें भिंड लोकसभा से उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार दिया गया है। अब इस सीट से आमने-सामने का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस सीट से जरारिया का दावा है कि उनके आगे कांग्रेस और भाजपा कुछ नहीं क्योंकि वे इस लोगों से जुड़े हुए हैं। वे इस सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे।
जीत का दावा
देवाशीष जरारिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ हाथी की सवारी कर भिंड-दतिया लोकसभा से चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है। 2019 में भिंड-दतिया लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर उम्मीदवार रहे जरारिया कांग्रेस की हार तो नहीं बचा पाए थे, लेकिन हार के अंतर को प्रदेशभर में सबसे कम कर दिया था। अब वे 2023 के इस लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल लगातार की गई मेहनत के दम पर भिंड-दतिया लोकसभा टिकट पक्का मान रहे थे। हालांकि कांग्रेस ने भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को टिकट देकर भरोसा जताया। इससे देवासीश जरारिया ने कांग्रेस पर युवाओं के साथ अन्याय और अनदेखी की का आरोप लगाते हुए बगावत कर दी। उन्होंने हाथ का साथ छोड़ हाथी की सवारी कर ली और चुनावी मैदान में भाजपा कांग्रेस के सीधे मुकाबले को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल दिया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर युवाओं की अनदेखी और उनका शोषण करने का आरोप लगाया है। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को भी नौकरी छुड़वाकर टिकट न दे कर उनका करियर तबाह करने का भी आरोप उन्होंने कांग्रेस पर लगाया। आगे उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस को हराने के लिए बहुजन से टिकट लेकर नहीं आए हैं बल्कि कांग्रेस और बीजेपी तो उनके मुकाबले में कहीं भी नहीं हैं। उनका कहना है कि दोनों ही कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी जनता से जुड़े हुए नहीं है। भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी और सांसद संध्या राय तो बीते 5 सालों तक क्षेत्र में किसी से मिली भी नहीं और लोग उनको जानते भी नहीं हैं। भिंड दतिया की जनता सीधी उनसे यानी देवाशीष से सीधे तौर से जुड़ी है और वह चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज कराएंगे।