भूपेश बघेल लोकसभा : छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनावों के पहले चरण की रणभेरी का मतदान होने के बाद अब दूसरे चरण का मतदान होना है। प्रदेश की तीन सीटों पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होगा। दूसरे चरण की तीन सीटों में से प्रदेश की सबसे हॉट सीट राजनांदगांव सीट है। इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रत्याशी है। बघेल का मुकाबला भाजपा के संतोष पांडेय से है। संतोष पांडेय राजनांदगांव सीट से मौजूदा सासंद है। ऐसे में राजनांदगांव सीट से एक तरफ पूर्व सीएम भूपेश बघेल तो वही दूसरी तरफ मौजूदा सांसद संतोष पांडेय से चुनाव काफी रोचक हो गया है।
राजनांदगांव भाजपा का किला
राजनांदगांव लोकसभा सीट वैसे तो बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को उतारकर बीजेपी को कड़ी चुनौती दी है। माना जा रहा है कि बघेल बीजेपी के किले को हथियाने में कामयाब हो सकती है? वही बीजेपी भी राजनांदगांव सीट को फिर से जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बीजेपी लगातार योगी, शाह समेत दिग्गज नेताओं की सभा करा रही है। वही कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी सभा कर चुकी है।
बघेल का बड़ा दावा
दूसरे चरण के मतदान से पहले नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। भूपेश बघेल ने दावा करते हुए कहा है कि इस बार प्रदेश में कांग्रेस की लहर है। कांग्रेस इस बार कई सीटें जीतकर इतिहास बदलेगी। बघेल का दावा है कि भाजपा 1 से 2 सीटों पर ही सिमट जाएगी। बघेल ने अपने प्रतिबिंब संतोष बघेल पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब ऐसे सांसद से छुटकारा पाने का समय आ गया है जो जनता के हक के लिए आवाज नहीं उठा सकता, जो उनकी पीड़ा नहीं समझ सकता, ऐसे सांसद को अब जनता हराकर कांग्रेस को जीताएगी।
बघेल की राह नहीं आसान?
राजनांदगांव में बघेल को हराने के लिए बीजेपी भरपूर प्रयास कर रही है। बीजेपी लगातार केंन्द्रीय नेताओं की जनसभा कराकर वोटरों को साधने में लगी है। ऐसे में बघेल बीजेपी के चक्रव्यूह में फंसते नजर आने लगे है। बघेल को उम्मीद है कि लोकसभा की 8 सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस के पास है ऐसे में उन्हें जनाधार मिलेगा। बघेल राजनांदगांव को छोड़कर अन्य इलाकों में ज्यादा महनत कर रहे है, क्योंकि राजनांदगांव से पूर्व सीएम रमन सिंह विधायक है। वही बघेल पर राजनांदगांव क्षेत्र की उपेक्षा करने का भी आरोप समय समय पर लगता आया है। ऐसे में बघेल की राजनांदगांव में जीत की राह आसान नहीं है। फिलहाल कौन जीतेगा, किसकी होगी राह आसान यह तो 4 जून को आने वाले परिणामों से पता चलेगा।