भोपाल। प्रदेश के सरकारी व निजी अस्पतालों में वर्तमान में मुख्य रूप से बोन मैरो, किडनी व लिवर ट्रांसप्लांट ही हो रहे हैं। ब्रेनडेड मरीज के अंगदान के लिए परिवार की अनुमति के बाद लंग्स और हार्ट को दूसरे राज्यों के मरीजों को भेजना पड़ते हैं। कई बार दूरी ज्यादा होने और अन्य कारण से अंग उपयोग नहीं होते। अब यह समस्या खत्म होने जा रही है। मध्य भारत के जरूरतमंद मरीजों का एम्स भोपाल में ही लंग और हार्ट ट्रांसप्लांट हो सकेगा।
एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी। उनके कार्यकाल के दो साल पूरे हो गए। इस मौके पर इन दो सालों की उपलब्धियां भी बताई। वर्तमान में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ किडनी व बोन मैरो ट्रांसप्लांट की ही व्यवस्था है, जिसमें किडनी ट्रांसप्लांट राजधानी में एम्स और हमीदिया कर रहे हैं। वहीं इंदौर के मेडिकल कॉलेज में किडनी व बौन मैरो ट्रांसप्लांट की व्यवस्था है। जानकारी के अनुसार अब तक एम्स में 12 से 13 बोन मैरो ट्रांसप्लांट हो चुके हैं।
ऑर्थोपेडिक और यूरोलोजी के ऑपरेशन रोबोट से होंगे
एम्स में 60 करोड़ रुपए के दो नए रोबोट आ रहे हैं। इससे ऑर्थोपेडिक और यूरोलोजी के जटिल ऑपरेशन किए जाएंगे। इसके अलावा जिन मरीजों के साथ परिजन नहीं होते, उनकी मदद के लिए अलग से स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। मरीजों को परेशानी होने पर वे 7773010099 और 9582559721 पर कॉल या व्हाट्सएप कर शिकायत कर सकते हैं।
दो सौ वर्चुल बेड का एम्स कर रहा संचालन
एम्स ई कंसलटेंसी की मदद से प्रदेश के 50 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से जुड़ा है। जिसमें मरीज के इलाज के लिए एम्स और संबंधित सेंटर के डॉक्टर एक दूसरे से बात कर सकते हैं। यही नहीं टेली आइसीयू के तहत सतना और विदिशा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों का एम्स के डॉक्टर इलाज मुहैया करा रहे हैं। डॉ. अजय सिंह के अनुसार एम्स भोपाल 200 वर्चुअल बेड का संचालन कर रहा है। अब उनसे जुड़ने के लिए उत्तरप्रदेश के अस्पताल भी तैयार हैं।
शुरू हो रहे सात नए विभाग
डॉ. सिंह ने बताया कि पिछले दो साल में तीन नए विभाग मेडिकल जेनेटिक्स, रुमेटोलॉजी और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी व क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग स्थापित किए गए। अब चार नए सेंटर, हैप्पीनेस सेंटर, सेंटर ऑफ प्रिसिशन, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन रेयर डिसीज, सेंटर ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथीज खोले गए हैं। इसके अलावा 13 नए पीजी से संबंधित सुपर स्पेशलिस्ट कोर्स और 34 नई फैलोशिप शुरू की गई। एम्स में संचालित स्टूडेंट्स वेलनेस सेंटर में एक साल में 50 मेडिकल कॉलेजों के 714 स्टूडेंट्स ने कंसल्ट किया।
नर्सिंग व मेडिकल कॉलेज में बढ़ीं सीट
कोर्स - साल 2022 - साल 2024
नर्सिंग - 75 - 90
पीजी नर्सिंग - 28 - 42
एमडी/एमएस - 103 - 165
डीएम/एमसीएच - 30 - 75