जगदलपुर: बस्तर को विकास के नए रास्ते पर ले जाने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई रणनीति तैयार की है। मंगलवार को दो दिवसीय विशेष प्रवास पर मंत्रिमंडल के साथ पहुंचे सीएम ने "विकसित बस्तर की ओर" परिचर्चा के दौरान बताया कि बस्तर में माओवाद मुक्त विकास के लक्ष्य के साथ कार्ययोजना बनाई गई है। मार्च 2026 तक इस इलाके को माओवादी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
सीएम ने माओवाद प्रभावित परिवारों को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की, जिनमें कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर शामिल हैं। इसके साथ ही बस्तर के विकास के लिए तैयार कार्ययोजना न केवल इस क्षेत्र, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के विकास को नई दिशा देगी।
मुख्य कार्ययोजनाएं:
कौशल विकास:
बस्तर में 32 नए कौशल विकास केंद्र और आवासीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
कृषि क्षेत्र:
बस्तर में मक्का की खेती 1.85 हेक्टेयर से बढ़ाकर तीन लाख हेक्टेयर की जाएगी और मिलेट्स की खेती को 75 हजार हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
पर्यटन:
धुड़मारास को विश्व के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में शामिल किया गया है और यहां और अधिक इको-टूरिज्म गांव विकसित किए जाएंगे।
चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, और कोटमसर गुफाओं जैसे पर्यटन स्थलों को आकर्षक बनाने कैनोपी वाक, ग्लास ब्रिज, और होम स्टे जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
उद्योग:
स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने और एमएसएमई के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
सीएम ने बस्तर के विकास के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स से मिलकर काम करने की अपील की और "विकसित छत्तीसगढ़-2047" के संकल्प के साथ बस्तर का विकास करने की बात कही।