52 Shaktipeeths 23 Bahula Devi Shaktipeeth: भारत में माता सती के प्रसिद्ध 52 शक्तिपीठ स्थित हैं। इन्हें में से एक पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के केतुग्राम क्षेत्र में स्थित बहुला शक्तिपीठ हैं। जिसका उल्लेख 52 प्रमुख शक्तिपीठों में मिलता है। यह वही पवित्र स्थल है जहाँ माता सती की बाईं भुजा गिरी थी। यहाँ देवी को ‘बहुला’ और भगवान शिव को ‘भीरुक’ के रूप में पूजा जाता है
अजय नदी के किनारे बसे दिव्य धाम:
अजय नदी के तट पर बसा यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा, प्राचीन वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पहुँचने पर भक्तों को ऐसा अनुभव होता है मानो स्वयं देवी की उपस्थिति उन्हें आशीर्वाद दे रही हो।
मंदिर की विशेषताएँ और वास्तुकला:
मंदिर का गर्भगृह लाल पत्थरों से सजे विशाल आंगन से जुड़ा हुआ है। घंटियों की मधुर ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार पूरे वातावरण को पवित्र बना देते हैं। यहाँ देवी बहुला के साथ भगवान गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियाँ भी प्रतिष्ठित हैं। मंदिर में प्रवेश के लिए भक्तों को पारंपरिक परिधान धारण करना आवश्यक है महिलाओं के लिए साड़ी और पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता। यह नियम स्थान की पवित्रता और परंपरा को बनाए रखता है।
भक्ति और आस्था का केंद्र:
मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माँ बहुला की आराधना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। इसीलिए यहाँ आने वाले भक्त खाली हाथ नहीं लौटते। यदि आप जीवन में शांति, दिव्यता और आध्यात्मिक संतुलन की खोज में हैं, तो बहुला शक्तिपीठ आपके लिए एक अनमोल तीर्थस्थल साबित हो सकता है। यहाँ की पवित्रता, श्रद्धा और ऊर्जा हर आगंतुक को आत्मिक शांति से भर देती है। बहुला देवी शक्तिपीठ केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि श्रद्धा और आत्मिक अनुभव का जीवंत स्वरूप है। माँ सती की भुजा जहाँ गिरी थी, वह भूमि आज भी भक्तों के जीवन में दिव्यता और शांति का संचार करती है।