Nagda MLA News : शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने और लोकतंत्र की प्रक्रिया से जोड़ने का अनूठा उदाहरण उज्जैन के नागदा में सामने आया है। यहां 12वीं के टॉपर छात्र साहित्य सेन को एक दिन का विधायक बनाया गया। इस दौरान छात्र ने विधायक की भूमिका निभाते हुए जनसुनवाई की, लोगों की समस्याएं सुनीं, और 1 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण किया। साहित्य ने इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की परीक्षा में 96.20% अंक प्राप्त कर प्रदेश की मेरिट लिस्ट में 10वां स्थान हासिल किया था।
सुनी समस्याएं, किया लोकार्पण
नागदा और उज्जैन जिले में टॉप करने के बाद, उसकी इस उपलब्धि को सम्मान देने के लिए उसे “एक दिन का विधायक” बनाया गया। इसके बाद इस घटना को फिल्म ‘नायक’ से जोड़कर देखा जा रहा है।छात्र के स्वागत में लोगों की भीड़ उमड़ी और पूरे दिन उसे एक जनप्रतिनिधि जैसा प्रोटोकॉल दिया गया। विधायक के तौर पर अपने पहले दिन साहित्य ने नागदा विधायक तेज बहादुर सिंह चौहान के कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई की प्रक्रिया में हिस्सा लिया। इस दौरान पूजा नामक छात्रा ने अपनी शैक्षणिक समस्या रखी, जिसे साहित्य ने तत्काल बीआरसी को फोन कर सुलझाया। इसके अलावा आधार कार्ड और छात्रवृत्ति से जुड़ी समस्याओं को भी उसने गंभीरता से सुना और हल करने की प्रक्रिया शुरू की।
शिलालेख पर दर्ज हुआ नाम
ग्राम पंचायत बैरछा में आयोजित कार्यक्रम में साहित्य ने सीसी रोड, उप-स्वास्थ्य केंद्र, और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए मकानों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इस अवसर पर साहित्य का नाम विकास कार्यों की शिलालेख पर भी दर्ज किया गया, जो उसके जीवन का एक ऐतिहासिक पल बन गया। बैरछा में 65 लाख रुपए की लागत से उप-स्वास्थ्य केंद्र, 98 लाख की लागत से विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष, और आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत सीसी रोड का निर्माण जैसी परियोजनाओं में भी साहित्य की मौजूदगी रही।
हर टॉपर बनेगा एक दिन का विधायक
नागदा विधायक तेज बहादुर सिंह चौहान ने इस मौके पर कहा कि सीबीएसई या मध्यप्रदेश बोर्ड से 10वीं और 12वीं में टॉप करने वाले छात्रों को एक दिन का विधायक बनने का मौका मिलेगा। इससे उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों का अनुभव मिलेगा और वे आगे चलकर नेतृत्व की भूमिका निभा सकेंगे। साहित्य की मां चेतना सिंह ने भावुक होकर कहा कि मेरे बेटे को इस लायक समझा। बेटे ने रात-रात भर पढ़ाई की है और आज उस संघर्ष का फल मिला है। यह पल मेरे लिए गर्व का है।