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विश्वव्यापी लॉकडाउन ओजोन परत के लिए लाभकारी सिद्ध, नुकसान करने वाली गैसों का नहीं हो रहा उत्सर्जन

विश्वव्यापी लॉकडाउन ओजोन परत के लिए लाभकारी सिद्ध, नुकसान करने वाली गैसों का नहीं हो रहा उत्सर्जन

ओजोन परत सूर्य से आने वाली परावैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। यह मानव के लिए एक रक्षा कवच की तरह काम करती है। ऐसा माना जाता है कि जब से पर्यावरण में ओजोन परत का निर्माण हुआ है तभी से इस पृथ्वी पर जीवों की उत्पत्ति हुई है। यह ओजोन परत पर्यावरण के क्षोभ मण्डल में और कुछ समताप मण्डल में पायी जाती है। जो अन्तरिक्ष में लगभग 35 से 50 किलोमीटर की दूरी तक फैली हुई है।

यह परत सूर्य की हानिकारक किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। यदि ये सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी आने लग जायेंगी तो पृथ्वी पर ऑक्सीजन खत्म हो जायेगी तापमान की मात्रा बढ जाएगी जो सजीव प्राणीयों के लिए सहना असम्भव होगा। पेड पौधे सूख जाएंगे। मानव कई असाध्य वीमारी जैसे कैंसर आदि से ग्रसित हो जायेगा। इस प्रकार भूमण्डल से जीवन खत्म हो जायेगा।

ओजोन क्या है?

ओजोन एक गैस है यह नीले रंग की होती है। यह ऑक्सीजन का ही रूप है। जो क्षोभमण्डल और समताप मण्डल के बीच में पायी जाती है।

ओजोन परत को नुकसान पहुचाने वाली गैसें

ओजोन परत को कारखानों से निकलने वाली सभी गैसें नुकसान पहुंचाती हैं। ओजोन परत को मुख्य रूप से प्रशीतकों से जैसे एसी, फ्रिज आदि से निकलने वाली क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैस भारी मात्रा में नुकसान पहुँचाती है।

क्षोभमण्डल को हानि

मानव अपनी आवश्यकताओं की पू्र्ति करने के लिए और भौतिक सुख सुविधाएं जुटाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य कर रहा है जो प्रकृति को भारी मात्रा में हानि पहुचा रहा है। मानव निर्मित कल कारखाने, यातायात के साधन, आदि से निकलने वाली कार्बनडाई ऑक्साइड गैस और विभिन्न प्रकार की पर्यावरण को दूषित करने वाली गैस क्षोभमण्डल में स्थित ओजोन परत को भारी मात्रा में नुकसान पहुचाती है। जिससे ओजोन परत में वहूत बडा छिद्र हो गया है। जो भविष्य में भूमण्डल के लिए वहुत बडा खतरा है।

विश्व व्यापी लॅाक डाउन का ओजोन परत पर प्रभाव

सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। सारा संसार इस महामारी की वजह से लगभग 50 दिन से बंद है। इस लॅाकडाउन में सभी कारखाने, यातायात के साधन पूरी तरह बंद हैं। कारखानों और यातायात के साधनों के बंद होने के कारण पर्यावरण में दूषित गैसों का प्रसारण भी बंद है। जो मानव और प्रकृति के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध हुआ है। दूषित गैसों के कारण ओजोन परत में उत्तरी ध्रुव पर इतिहास का सबसे बडा छिद्र होना बताया जा रहा था लेकिन कोरोना महामारी की वजह से चल रहा विश्व व्यापी लॅाकडाउन ओजोन परत के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है क्योंकि लॅाकडाउन की वजह से ओजोन परत को नुकसान पहुचाने वाली गैसों का उत्सर्जन नहीं हो रहा है। ऐसा बताया जा है रहा है कि ओजोन परत का छिद्र लगातार घट रहा है।


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