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अमेरिका के रिसर्चर्स ने ढूंढा कोरोना वायरस से निपटने के 4 तरीके, जानिए क्या है

अमेरिका के रिसर्चर्स ने ढूंढा कोरोना वायरस से निपटने के 4 तरीके, जानिए क्या है

Coronavirus: पूरी दुनिया के कई देशों में कोरोना ने तहलका मचा रखा है। इसकी चपेट में आने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ज्यादातर देश अपने-अपने स्तर पर इससे निपटने की हर कोशिश कर रहा है। वहीं भारत समेत कई देश इस खतरनाक वायरस पर तरह तरह की स्टडी कर रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के रिसर्चर्स ने इस खतरनाक वायरस से निपटने के 4 तरीके खोजे हैं। जिन पर जल्दी ही ट्रायल भी शुरू होगा।

रिसर्चर्स की मानें तो कोरोना मरीजों में खून के थक्के जमने के केस ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। जिसे दवाओं के जरिए भी सुधारा जा सकता है। वहीं कैंसर के इलाज में यूज होने वाली थेरेपी ब्रेन स्कैनिंग और अलग तरह के ड्रग कॉम्बिनेशन की मदद से भी इंफेक्शन कम किया जा सकता है। जिसकी तैयारी हो रही है। इसी बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कि वो 4 कौन से तरीके हैं जिन्हें अमेरिका के साइंटिस्ट ने कोरोना के इलाज के लिए खोजे हैं।

पहला तरीका-

खून को पतला करने वालों की दवाओं के जरिए भी कोरोना मरीजों की हालत को सुधारा जा सकता है। रिसर्चर्स का कहना है कि अगर वेंटिलेटर पर मौजूद पीड़ितो को अगर ये दवाएं दी जाएं, तो उनकी हालत में 30 फीसद तक सुधार आ सकता है और उनके बचने के चांस भी बढ़ जाते हैं। दवा की मदद से गाढ़े खून को पतला करने के इलाज को एंटी-कोएगुलेंट ट्रीटमेंट कहते हैं।

दूसरा तरीका-

अमेरिका के रिसर्चर्स एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन और निमोनिया की दवा के कॉम्बिनेशन का ट्रायल कोरोना के गंभीर मरीजों पर करने जा रहे हैं। इस कॉम्बिनेशन में यूज हो रहे निमोनिया का दवा का नाम एटोवेक्योन है। वहीं इस कॉम्बिनेशन ड्रग के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं, जैसे कार्डियक। रिसर्चर्स का कहना है कि पीड़ितों का स्वैब लेकर उसमें वायरस की संख्या को देखा जाएगा। फिर उस हिसाब से ही दवा और थेरेपी दी जाएगी।

तीसरा तरीका-

अमेरिका के रिसर्चर्स ने ब्रेन थैरेपी को कोरोना पीड़ितो के इलाज के लिए मददगार बताया है। इसके साथ ही रिसर्चर्स का कहना है कि दिमाग में कुछ ऐसे हिस्से होते हैं। जो सांसों और रक्तसंचार को कंट्रोल करते हैं। वहीं नगर ऐसे हिस्सों को टार्गेट करने वाली थैरेपी का इस्तेमाल कोरोना मरीजों पर किया जाए तो उन्हें वेंटिलेटर से दूर किया जा सकता है।

चौथा तरीका-

प्रोस्टेट कैंसर थैरेपी ले रहे पुरुषों में कोविड-19 के मामले कम हैं। ऐसे लोगों में अगर कोरोना का संक्रमण हुआ भी है तो हालत अधिक गंभीर नहीं होती। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने यह रिसर्च ऐसे 4532 पुरुषों पर की है जो कैंसर से जूझ रहे थे।


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