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कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय को ग्रांट देना भूला शासन, कर्मचारियों के वेतन के लाले

कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय को ग्रांट देना भूला शासन, कर्मचारियों के वेतन के लाले

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विवि बीते तीन माह से अपने प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे सका है। इसकी वजह राज्य शासन द्वारा ग्रांट नहीं मिलना है। गौरतलब है कि शासन द्वारा प्रदान किए जाने वाले ग्रांट से ही विवि द्वारा अपने स्टाफ को वेतन दिया जाता है। ग्रांट 5 माह में एक बार शासन द्वारा प्रदान किया जाता है। अप्रैल 2020 से पत्रकारिता विवि का ग्रांट अटका हुआ है। अप्रैल में 4 करोड़ रुपए पत्रकारिता विवि को दिए जाने थे। इसके 5 माह बार पुन: 4 करोड़ रुपए दिए जाने थे। इस तरह से 8 करोड़ शासन द्वारा पत्रकारिता विवि को देने हैं।

पत्रकारिता विवि के इतर अन्य सभी विश्वविद्यालयों को नियमित रूप से ग्रांट मिल रहा है। अधिकारियों-कर्मचारियों को भी वेतन तय वक्त पर प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में सिर्फ पत्रकारिता विवि ही आर्थिक तंगी से इस वक्त जूझ रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इसे लेकर कई बार शासन को पत्र लिखा जा चुका है। उच्च स्तर पर मुलाकात कर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अपनी समस्याएं भी गिनाई हैं। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकल पा रहा है।

छात्रों की फीस से जुगाड़

शासन द्वारा ग्रांट अप्रैल माह से नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद भी विवि प्रशासन कुछ माह तक अपने स्टाफ को तनख्वाह देता रहा। इसकी व्यवस्था छात्रों द्वारा भरी गई फीस से की गई। विश्वविद्यालय के दूसरे मदों में भी कुछ राशि शेष थी। पैसे न मिलते देखकर इन मदों की राशि का इस्तेमाल वेतन प्रदान करने किया गया। कम वेतनमान वाले कर्मचारियों को मौजूदा स्थिति के चलते अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके समक्ष घर चलाने का संकट आन खड़ा हुआ है। इनके द्वारा विवि प्रबंधन से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन विवि प्रबंधन भी स्थितियों के समक्ष लाचार हो गया है।

फाइल भेजी है

उच्च शिक्षा विभाग के सचिन धनंजय देवांगन ने बताया ग्रांट की फाइल गई है। यह अभी विचाराधीन है, इसके लिए वित्त विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। 

दे रहे आवेदन

केटीयू के कुलसचिव डॉ. आनंद बहादुर शंकर ने कहा अप्रैल माह से ग्रांट की राशि नहीं मिली है। इसके चलते किसी को वेतन नहीं दिया जा सका। हम लगातार शासन को आवेदन दे रहे हैं।


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