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पैगंबर की बेअदबी में जारी मौत का फतवा : 33 साल बाद सलमान रुश्दी पर एक और जानलेवा हमला, चौथी पत्नी ने कहा सेक्स के लिए पागल है रुश्दी

पैगंबर की बेअदबी में जारी मौत का फतवा : 33 साल बाद सलमान रुश्दी पर एक और जानलेवा हमला, चौथी पत्नी ने कहा सेक्स के लिए पागल है रुश्दी

WORLD : न्यूयॉर्क सिटी में एशो आराम की जिंदगी जी रहे 19 जून 1947 को मुंबई में पैदा होने वाले सलमान रुश्दी एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार से हैं। जन्म के कुछ सालों बाद ही रुश्दी का परिवार ब्रिटेन में रहने लगा। ऐसे में स्कूली पढ़ाई इंग्लैंड के फेमस रग्बी स्कूल से करने के बाद रुश्दी ने आगे की शिक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से की।

विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी पर हुए एक और घातक हमले के बाद अब पूरी दुनिया में फिर से चर्चे होने लगे की आखिर क्यों कोई एक लेखक की जान लेना चाहेगा, 33 सालों में पूरी एक पीढ़ी गुजर जाने के बाद कहीं न कहीं खुद रुश्दी भी भूल बैठे थे की पैगंबर की निंदा मामले में उन पर मौत का फतवा जारी हुआ है. दरअसल आज की युवा पीढ़ी में से कईयों को तो इस किस्से के बारे में पता ही नहीं की मामला क्या है ये. आइए जानते हैं 33 साल पहले क्या हुआ था जिसकी वज़ह से आज भी कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं लेखक सलमान रुश्दी.

'सैटेनिक वर्सेज' उपन्यास के बाजार में आते ही दुनिया के कई देशों में विरोध शुरू हो गया था। ये बात 33 साल पहले की है जब अचानक अख़बारों की सुर्खियां बनी एक खबर की कहीं किसी लेखक ने पैगंबर के खिलाफ किताब लिखी है, तब दुनिया में समाचार के फैलाव की स्थिति आज की तरह त्वरित भी नहीं थी, न ही इन्टरनेट और मोबाइल का युग था लेकिन फिर भी ये खबर जंगल के आग की तरह पूरी दुनिया में तेजी से फ़ैल गई. 'सैटेनिक वर्सेज' उपन्यास का हिंदी में अर्थ शैतानी आयतेंहैं। इस किताब के नाम पर ही मुस्लिम धर्म के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। भारत वो पहला देश था जिसने इस उपन्यास को बैन किया। उस वक्त देश में राजीव गांधी की सरकार थी। 1989 में रुश्दी के खिलाफ मुंबई में मुसलमानों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन पर पुलिस की गोलीबारी में 12 लोग मारे गए थे। इसके बाद दुनिया भर की इस्लामी देशों ने इसे प्रतिबंधित कर दिया।

पहला हमला 1989 में

किताब के आते ही ईरान की इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला खुमैनी ने उनके खिलाफ 1989 में मौत का फतवा जारी किया था। जिस के तुरंत बाद मुजाहिद्दीन ऑफ इस्लाम के भेजे मानव बम ने 3 अगस्त 1989 को ही सेंट्रल लंदन के एक होटल के अंदर एक विस्फोट को अंजाम दिया था। लेकिन वह इस हमले में बाल-बाल बच गए। इसके बाद से सलमान रुश्दी छिपकर और पुलिस प्रोटेक्शन में जिंदगी जी रहे थे।

ताजा हमला 2022 में

सालों पहले अपने विवादित किताब की बदौलत पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरने और तमाम आतंकी और कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर आने वाले लेखक रुश्दी न्यूयॉर्क सिटी में एशो आराम की जिंदगी जी रहे थे। हालांकि 2018 तक वो छुपकर और सुरक्षित माहौल में रहन सहन करते आ रहे थे, लेकिन फिर covid के दौर में जब दुनिया महामारी से निपटने में तमाम मुद्दों को भुला बैठी तो रुशदी भी अपने ऊपर जारी मौत के फतवे को भुला लापरवाही करने लगे, 2019 में वो अपने एक नॉवेल को प्रमोट करने के लिए मैनहट्टन के एक प्राइवेट क्लब में दिखे थे। वो सभी से बात कर रहे थे, सार्वजनिक हो रहे थे, क्लब के मेंबर्स के साथ डिनर भी किया। इसके अलावा भी कई कार्यक्रमों में उन्होंने शिरकत की फिर 12 अगस्त 2022 को रुश्दी एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, जहां उन पर चाकू से हमला हुआ। फिलहाल लेखक की हालत गंभीर बनी हुई है, और अस्पताल में उनका इलाज जारी है, बताया जा रहा की हमले में उनकी आँख पर गंभीर चोट आई है और आँखों की रौशनी पर खतरा बना हुआ है.  

किताब के प्रकाशक और अनुवादक तक लगभग सभी की हत्या

सलमान रुश्दी की किताब 'सैटेनिक वर्सेज' को लेकर दुनिया भर के कई देशों में हो रहे हिंसक हमलों में 59 लोगों मारे गए हैं। इन मृतकों की संख्या में इस किताब के प्रकाशक और दूसरे भाषा में अनुवाद करने वाले लोग भी शामिल हैं। जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी ने रुश्दी की किताब 'सैटेनिक वर्सेज' की अपने भाषा में अनुवाद किया था। इसके कुछ दिनों बाद ही उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसी तरह 'सैटेनिक वर्सेज' के इटैलियन अनुवादक और नॉर्वे के प्रकाशक पर भी जानलेवा हमले किए जा चुके हैं।

पिछले 33 सालों से राडार पर थे लेखक

  • 2006
  • हिजबुल्ला संगठन के प्रमुख ने कहा था कि पैगंबर के अनादर का बदला लेने के लिए करोड़ों मुस्लिम तैयार हैं। सलमान रुश्दी ने जो ईशनिंदा की है। इसका बदला लेने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
  • 2010
  • आतंकी संगठन अलकायदा ने एक हिट लिस्ट जारी किया था। इसमें इस्लाम धर्म के अपमान करने के आरोप में सलमान रुश्दी को जान से मारने की बात कही गई थी।
  • 2012
  • सलमान रुश्दी जयपुर में होने वाले लिटरेचर फेस्टिवल में आने वाले थे, लेकिन बाद में धमकियों और विवादों की वजह से उन्होंने भारत नहीं आने का फैसला किया था।

4 शादियां करने वाले सलमान रुश्दी की चौथी पत्नी ने कहा सेक्स के लिए पागल हैं रुश्दी
लेखक सलमान रुश्दी को इस्लाम से भले गुरेज है, लेकिन शादियां उन्होंने 4 की हैं। सलमान की पहली शादी 1976 में  हुई जो 11 साल बाद टूट गई, दूसरी शादी अमेरिकी उपन्यासकार मैरिएन विगिन्स से हुई वो भी 1993 में तलाक के रूप में ख़त्म हो गई इसके बाद 1997 में एलिजाबेथ नाम की महिला से सलमान रुश्दी ने शादी की थी। आखिरी शादी साल 2004 में रुश्दी ने एक भारतीय मूल की अमेरिकी एक्ट्रेस और मॉडल पद्मा लक्ष्मी से की थी। हालांकि 2 जुलाई 2007 को पद्मा ने भी रुश्दी से तलाक ले लिया। पद्म लक्ष्मी ने अपनी किताब Love, Loss, and What We Ate में लिखा कि रुश्दी सेक्स के लिए पागल हैं। शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर रुश्दी मारपीट भी करते थे।


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