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MP में ड्रोन से बिजली सप्लाई की पेट्रोलिंग:35 साल पुरानी 100 लाइनों की ड्रोन से देखरेख; फॉल्ट या टूट-फूट भी जान सकेंगे

MP में ड्रोन से बिजली सप्लाई की पेट्रोलिंग:35 साल पुरानी 100 लाइनों की ड्रोन से देखरेख; फॉल्ट या टूट-फूट भी जान सकेंगे

BHOPAL : प्रदेश की 35 वर्ष से पुरानी करीब 100 लाइन की मॉनिटरिंग के लिए मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी पहली बार ड्रोन पेट्रोलिंग का उपयोग कर रही है। बिजली कंपनी प्रदेश की 2850 किलोमीटर लंबी लाइनों के लगभग 10 हजार टॉवर की टॉप पेट्रोलिंग कर डाटा इकट्ठा करेगी। प्राप्त डाटा का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट सॉफ्टवेयर से संग्रहण कर बारीकीं से जांच होगी। यह कार्य अक्टूबर से शुरू होगा और मार्च-23 तक खत्म करने का टॉरगेट हैटॉवरों की ड्रोन पेट्रोलिंग से प्राप्त डाटा का विश्लेषण कर जंग लगे एवं मिसिंग टावर पार्टस को चिह्नित कर सुधार कार्य समय पर संभव हो सकेगा। पहले चरण में इसकी शुरुआत 220केपीए अति ड्रोन से पेट्रोलिंग कराने से पहाड़ी या जंगलों में लगे टॉवरों की टॉप पेट्रोलिंग संभव हो सकेगी। साथ ही किसी लाइन के फाल्ट होने पर ड्रोन से प्राप्त टॉवरों और लाइन की फोटो और वीडियो का तुंरत जांच कर फाल्ट दुरुस्त किया जा सकेगा। उच्चदाब लाइनों के टॉवरों से हुई।

पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी प्रदेश में स्थापित 39572 सर्किट किलोमीटर लंबी अति उच्च दाब लाइनों का 79915 अति उच्च दाब टॉवर के सहारे बिजली सप्लाई करती है। पहाड़, नदी और तालाब सहित अनेक दुर्गम भौगोलिक इलाकों से गुजरने वाली इन लाइनों का समय पर उचित रखरखाव के लिए एडवांस और प्रभावी तकनीक का उपयोग करना जरूरी हो गया था। अब 400 एवं 132 केवीए की अति उच्चदाब लाइनों की भी ड्रोन पेट्रोलिंग की जाएगी। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी अपनी 220 केवीए अति उच्चदाब लाइनों की पेट्रोलिंग ड्रोन तकनीक से करवा रही है। पायलेट प्रोजेक्ट में मिली सफलता के बाद इस प्रोजेक्ट का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इससे ब्रेकडाउन समय में उल्लेखनीय कमी आ सकेगी। इसके अलावा प्रीवेंटिव मेंटेनेंस में भी समय पर छोटे से छोटे फाल्ट की भी मॉनिटरिंग कर आवश्यक सुधार किया जा सकेगा।


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