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अस्पतालों में बेड फुल, डेंगू-वायरल की चपेट में आने वाले मरीज बढ़े

अस्पतालों में बेड फुल, डेंगू-वायरल की चपेट में आने वाले मरीज बढ़े

भोपाल | शहर में डेंगू का डंक थम नहीं रहा है। आम जनता अब भी डेंगू को लेकर जागरूक नहीं हुई है। लोगों के घरों के कूलरों में भरे पानी व अन्य पानी से भरे पात्रों में अभी भी लार्वा मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग इसका विनष्टीकरण कर रहा है। डेंगू के अलावा वायरल के केस भी बढ़ने से अस्पतालों में पलंग फुल हो चुके हैं। सोमवार को 9 मरीज डेंगू पीड़ित मिले। जिनका उपचार शुरू किया गया। अब तक राजधानी में डेंगू के 460 मरीज मिल चुके है। सर्दी के साथ बुखार के केस में कई बार कोरोना होने का भय लोगों को हो रहा है हालांकि कोरोना के केस अब कम हो चुके हैं।

यह लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं

यदि बुखार, उल्टी, पेट दर्द, हाथ - पैर में दर्द की शिकायत मिले तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेकर जांच कराना चाहिए। क्योंकि इस स्थिति में मरीज को डेंगू हो सकता है। डेंगू का इलाज समय पर शुरू होने से मरीज जल्द स्वस्थ हो जाते हैं।

यह जानकारी जरूरी

मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है। घरों में कूलर के पानी, टायरों में भरे पानी में इसके लार्वा पनपते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि किसी भी तरह से जलभराव न होने दें। कूलरों को हटा दें, टायरों या अन्य पात्र में जलभराव न होने दें।

फ्लूड की कमी न होने दें

डेंगू के मरीजों को फ्लूड की कमी नहीं होना चाहिए। सीबीसी जांच में हीमोटोक्रिट जांच होती है इससे ब्लड में फ्लूड की स्थिति पता चलती है। इसलिए डॉक्टर यह जांच करवाते हैं। फ्लूड की कमी से हीमोटोक्रिट का प्रतिशत बढ़ता है। इस स्थिति में आइवी ड्रिप चढ़ाई जाती है।

प्लेटलेट्स की जांच

प्लेटलेट्स की जांच भी डेंगू में की जाती है। यदि 20 हजार तक प्लेटलेट्स पहुंचती हैं तो मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती हैं। यदि इससे कम प्लेटलेट्स हुई तो मरीज के आर्गन में अंदरूनी रक्तस्त्राव हो सकता है। इससे यह प्लेटलेट्स की स्थिति पर भी नजर डॉक्टर रखते हैं।

वायरल से भी पीड़ित मरीज

अस्पतालों में वायरल से भी पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। कई बार लक्षण डेंगू जैसे होने पर मरीजों को भय रहता है कि डेंगू तो नहीं हो गया लेकिन रिपोर्ट निगेटिव निकल रही है। मौसम में बदलाव के कारण वायरल होता है। लोगों को अपनी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रखनी चाहिए। इसके लिए ताजा खाना खाएं, पानी ज्यादा पिएं, फल खाएं।

डॉ राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल


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