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रायपुर के बाद कवर्धा में भी जंगल सफारी, सरगुजा-रायगढ़ में जू का प्रस्ताव

रायपुर के बाद कवर्धा में भी जंगल सफारी, सरगुजा-रायगढ़ में जू का प्रस्ताव

रायपुर. राजधानी में जंगल सफारी विकसित होने के बाद अब राज्य के बिलासपुर स्थित सबसे पुराने जू कानन पेंडारी को जू से जंगल सफारी के रूप में विकसित करने की मांग उठने लगी है। इसके साथ ही कवर्धा को जंगल सफारी बनाने वन विभाग ने 90 हेक्टेयर जमीन तलाश कर ली है। सीसीएफ वाइल्ड लाइफ राजेश पाण्डेय के मुताबिक बजट आवंटित होने के बाद कवर्धा में जल्द ही सफारी का निर्माण किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि रायपुर में जंगल सफारी विकसित होने के बाद रायगढ़ के तत्कालीन विधायक रोशन अग्रवाल ने इंदिरा विहार में जू खोले जाने का प्रस्ताव शासन के पास भेजा था। इसी तरह से रायगढ़ में जू की मांग को देखते हुए सरगुजा के लोगों ने अपने क्षेत्र में जू खोले जाने की मांग की थी। कवर्धा में सफारी खोले जाने की अनुमति मिलने के बाद सरगुजा के साथ रायगढ़ के लोगों ने अपने क्षेत्र में जू खोले जाने की मांग एक बार फिर से तेज कर दी है। जबकि कानन पेंडारी प्रबंधन ने चार माह पूर्व जू को सफारी के रूप में डेवलप करने वन मुख्यालय को पत्र लिखा था। उल्लेखनीय है कि कानन पेंडारी का कुल क्षेत्रफल 114 हेक्टेयर है। इसके साथ ही कानन पेंडारी से लगी वन विभाग की खाली जमीन है। उसी अतिरिक्त जमीन को कानन पेंडारी में जोड़कर पौने दो सौ एकड़ में सफारी विकसित करने की मांग वन अफसरों से की गई है।

सीसीएफ श्री पाण्डेय के अनुसार कवर्धा में 124 हेक्टेयर में जंगल सफारी विकसित करना है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के पास 90 हेक्टेयर का भूखंड चिन्हांकित किया गया है। जहां भूखंड चिन्हांकित किया गया है, उसके आसपास शासन की शेष खाली जमीन तलाश की जा रही है। सफारी विकसित करने सीजेडए से अनुमति लेने की प्रक्रिया चालू होने की जानकारी सीसीएफ ने दी है।
कवर्धा में 124 हेक्टेयर में जंगल सफारी बनना है, इसके लिए 90 हेक्टेयर जमीन तलाश कर ली गई है। शेष जमीन की तलाश जारी है। सफारी में पर्यटकों के लिए जू बनाने के साथ जंगल से रेस्क्यू किए गए घायल तथा बीमार वन्यजीवों का उपचार किया जाएगा।

 


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