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BHOPAL NEWS : इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड याचिकाकर्ता के आरोप, अधिवक्ता SIT जांच की मांग

BHOPAL NEWS : इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड याचिकाकर्ता के आरोप, अधिवक्ता SIT जांच की मांग

भोपाल। इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड (Electronic Bonds) के मामले (Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में प्रौक्टिस करने वाल एक अधिवक्ता (Loyer) ने बयान (Statment) दिया है। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस मामले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमने इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड को लेकर चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने 6 सालों में फैसला दिया और इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड को रद्द कर दिया।

अधिवक्ता ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड के तहत दिए पैसे अधिक तर घूंसखोरी के तहत दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर दबाई कंपनियों ने पैसा दिया भाजपा ने उन कंपनियों से सबसे अधिक पैसा लिया जो कंपनियां फर्जी दवाइयों में पाईं गईं। प्रशांत भूषण ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड माना जा रहा है। 

ओरोबिंदा कंपनी

प्रशांत भूषण ने कहा कि इस घोटाले में कौन कौन शामिल हैं वह जांच के बाद जेल जाएंगे। SIT जांच की मांग करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि जिन जिन पार्टियों ने इस इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड के तहत पैसा लिया है, उन की जांच की जाए और उन पार्टियों पर केस लगाया जाए। 

याचिकाकर्ता अंजली भारद्वाज ने इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के तहत भाजपा पर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय टेलीकॉम कंपनी से 150 करोड़ रुपए का पैसा लिया गया। ओरोबिंदा कंपनी ने 5 करोड रुपए दिए बीजेपी को इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड के तहत टीएमसी पार्टी को भी एक कंपनी से इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड दिए गए। आरोप में कहा गया कि सात कंपनियों की 1 लाख करोड़ के लॉस हैं इस इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड से। उन्होंने कहा कि  ईडी सीबीआई आईटी जैसी बड़ी एजेंसियों के भी नाम इस घोटाले में आ रहे हैं इसलिए एसआईटी इस मामले की जांच करें। 
 


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