डबल सब्सिडी से अब तीन किलोवाट सोलर पैनल 67 हजार में ही लग जाएगा

डबल सब्सिडी से अब तीन किलोवाट सोलर पैनल 67 हजार में ही लग जाएगा

रायपुर: प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में अपने प्रदेश में केंद्र सरकार के बाद अब राज्य सरकार भी इस योजना में सब्सिडी देगी। ऐसे में इस योजना में अब बड़ा बूम आएगा। अब तीन किलोवाट के सोलर पैनल पर उपभोक्ताओं को महज 67 हजार ही खर्च करने पड़ेंगे।

2027 तक प्रदेश में 1.30 लाख घरों को रोशन करने का लक्ष्य: 

तीन किलोवाट पर 1.75 लाख का खर्च होता है। इसमें 78 हजार केंद्र सरकार और 30 हजार की सब्सिडी राज्य सरकार की मिलेगी। राज्य सरकार की सब्सिडी के इंतजार में ही आवेदनों की रफ्तार धीमी हो गई थी। अब संभावना है कि आवेदनों की रफ्तार तेज हो जाएगी। इस समय योजना में 28 सौ घरों में सोलर पैनल लग गए हैं। करीब 42 हजार से ज्यादा आवेदन भी आ गए हैं। 2027 तक प्रदेश में 1.30 लाख घरों को रोशन करने का लक्ष्य है।


देश भर में एक करोड़ से ज्यादा घरों की छतों पर बिजली उत्पादन का लक्ष्य : 

केंद्र सरकार ने घरों की छतों पर बिजली उत्पादन की योजना बनाई है। देश भर में एक करोड़ से ज्यादा घरों की छतों पर बिजली उत्पादन का लक्ष्य सोलर पैनल के माध्यम से रखा गया है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी भी मिल रही है। हर राज्य के लिए अलग-अलग लक्ष्य रखा गया है। छत्तीसगढ़ की बात करें तो राज्य पॉवर कंपनी ने वर्ष 2027 तक सवा लाख से अधिक घरों को बिजली से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है, हालांकि इससे भी अधिक घरों को रोशन करने की योजना पर काम हो रहा है।

तीन किलोवाट पर 1.08 लाख सब्सिडी: 

पॉवर कंपनी के अधिकारियों का कहना है योजना में हर आय वर्ग के लोग सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें कोई आय सीमा तय नहीं है। हर आय वर्ग वालों को सब्सिडी भी मिलेगी। इसमें केंद्र सरकार से एक किलोवाट पर 30 हजार, दो किलोवाट पर 60 हजार और तीन किलोवाट पर 78 हजार की सब्सिडी मिल रही है। अब राज्य सरकार ने भी एक किलोवॉट पर 15 हजार और तीन किलोवाट पर 30 हजार की सब्सिडी तय कर दी है। ऐसे में तीन किलोवाट पर 1.08 लाख की सब्सिडी मिल जाएगी। 
इसी तरह से एक किलोवाट पर केंद्र सरकार की 30 हजार और राज्य सरकार की 15 हजार सब्सिडी मिलेगी तो उपभोक्ता को एक किलोवाट का सोलर पैनल लगाने पर महज 25 हजार खर्च करने पड़ेंगे, क्योंकि एक किलोवाट का खर्च 70 हजार के आस-पास आता है। वैसे तो भारत सरकार द्वारा तो प्रति किलोवाट के लिए 50 हजार रुपए तय है, लेकिन अलग-अलग वेंडरों का रेट अलग-अलग होने पर एक किलोवाट पर करीब 70 हजार दो किलोवाट पर 1.20 लाख और तीन किलोवाट पर 1.75 लाख का खर्च लग जाता है।

अब तक 42 हजार आवेदन: 

प्रदेश में इस योजना में बीते साल अप्रैल से सितंबर तक महज सात हजार आवेदन ही आए थे। कम आवेदनों के कारण पॉवर कंपनी ने इस मामले में गंभीरता से ध्यान दिया और इस योजना की जानकारी देने के लिए शिविर लगाने का भी काम किया है। इसका परिणाम यह हुआ है अब 42000 आवेदन आ गए हैं। इसमें से 40 हजार आवेदनों को मंजूरी भी दे दी गई है। अब तक 28 सौ घरों में सोलर पैनल लग भी गए हैं। इधर प्रदेश सरकार ने जब अपने बजट में इस योजना के लिए बजट का प्रावधान किया तो प्रदेश सरकार की सब्सिडी के इंतजार में आवेदनों की रफ्तार धीमी हो गई।


 


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