
रायपुर: रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित नई शराब दुकानों का विरोध शुरू हो गया है। इसके तहत बुधवार को ग्राम पंचायत खौली में धरना-प्रदर्शन किया गया, जिसमें सरपंच सहित पंचायत के अन्य सदस्यों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। वहीं ग्राम दोंदेखुर्द के ग्रामीणों ने मशाल रैली निकालकर प्रस्तावित शराब दुकान खोले जाने के आदेश को निरस्त किए जाने की मांग की है। आबकारी विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की बिक्री एवं तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए सात नई शराब दुकान खोलने के लिए टेंडर जारी किया है। ये दुकानें ग्राम भैंसा, समोदा, टेमरी, खौली, पलोद, दोंदेखुर्द एवं नया रायपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में खोली जानी है, लेकिन कई ग्रामों में इन शराब दुकानों का विरोध किया जा रहा है, जिनमें ग्राम पंचायत खौली और दोदेखुर्द में सबसे ज्यादा विरोध है।
बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए:
ग्राम खौली में सरपंच राजेंद्र टंडन के नेतृत्व में शराब दुकान का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। इसके लिए गांव में धरना-प्रदर्शन किया गया, जिसमें जिला पंचायत सदस्य वतन चंद्राकर सहित ग्राम पंचायत के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। ग्राम खौली में इससे पहले भी शराब दुकान के विरोध में सरपंच सहित ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। यहां के सरपंच राजेंद्र टंडन ने क्षेत्र के तहसीलदार एवं थाना प्रभारी पर पूर्व में आरोप भी लगा चुके हैं, वे दोनों तहसील कार्यालय में जबरदस्ती बैठा कर सत्ता की ओर से दबाव बनाकर शराब दुकान खोलने के सहमति पत्र में हस्ताक्षर कराया था।
आदेश निरस्त नहीं होने तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे पालक:
ग्राम खौली के शासकीय स्कूल परिसर में धरना-प्रदर्शन में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पालक मी शामिल हुए। इस दौरान सभी पालकों ने स्कूल के प्राचार्य को पत्र लिखे हैं, जिसमें शराब दुकान खोलने के आदेश को निरस्त नहीं किए जाने तक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की बात लिखी है।
दोंदेखुर्द में महिलाओं ने निकाली मशाल रैली:
ग्राम दोंदेखुर्द में भी नई शराब दुकान खुलेगी। सूत्रों के अनुसार इस गांव के सरपंच अशोक साहू ने शराब दुकान खोलने की सहमति दे दी है, जिसके बाद विभाग ने दुकान खोलने के लिए टेंडर जारी किया है। इधर दूसरी ओर गांव के लोग इस दुकान के विरोध में हैं। गांव की बड़ी संख्या में महिलाओं ने दुकान के विरोध में मशाल रैली निकाली। इस रैली में गांव के पुरुषों के अलावा आसपास के गांव के लोग भी शामिल होने पहुंचे थे।
ग्रामीणों ने कहा- बच्चों का भविष्य खराब होगा:
शराब दुकान खुलने का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि शराब दुकान खुलने से न केवल गांव में सामाजिक वातावरण खराब होगा, बल्कि बच्चों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा, जिससे उनका भविष्य भी खराब होगा।