बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक साथ 37 भरमार हथियार बरामद किया है। यह संभवतः प्रदेश का पहला मामला है, जब पुलिस ने किसी भी मामले में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में हथियार बरामद किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि बरामद किए गए भरमार को ग्रामीणों ने खुद ही पुलिस को सुपुर्द किया है। ग्रामीणों द्वारा इन भरमार बंदूकों का उपयोग शिकार और जंगली जानवरों से अपने खेतों की रक्षा के लिए किया जाता था.
पुलिस ने बरामद किए थे भरमार बंदूक:
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की है। बलरामपुर जिले का कुसमी सामरी पाठ क्षेत्र नक्सल दृष्टि से संवेदनशील रहा है। पूर्व में इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां होती रहती लेकिन अब चुनचुना-पुंदाग सहित अन्य क्षेत्र नक्सल मुक्त हो चुके है और नक्सली छत्तीसगढ़ की सीमा छोड़कर फरार हो चुके है। इन सब के बीच हाल में में कुसमी सामरीपाठ क्षेत्र में आए दिन भरमार बंदूक बरामद होने की जानकारी सामने आ रही थी। पुलिस ने पूर्व में कुछ भरमार बंदूक बरामद किए गए थे और इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली थी कि सामरी पाठ क्षेत्र के लोगों के घरों में वर्षों पुराने भरमार बंदूक मौजूद है।
विशेष अभियान चलाकर हथियार बरामद:
ऐसे में आईजी दीपक झा के निर्देश पर एसपी वैभव बैंकर रमनलाल ने विशेष अभियान चलाकर हथियार बरामद करने के निर्देश दिए थे। एसपी के निर्देश पर थाना प्रभारी सामरी पाठ विजय प्रताप सिंह 22 जुलाई से स्वयं क्षेत्र के पुन्दाग कैंप में पहुंचकर जानकारी एकत्रित की जा रही थी। जांच के दौरान जब पुलिस टीम ने ग्रामीणों से पूछताछ की तो क्षेत्र के चुनचुना, पीपरढाबा, चरहू, भीतर चरहू, खास चुनचुना एवं ग्राम - पुन्दाग के भूताही, कोटवारी पारा, खास पुन्दाग के ग्रामीणों के पास भारी देशी भरमार होने की पुष्टि हुई थी।
झारखंड से हो रही सप्लाईः
इतनी बड़ी संख्या में भरमार बरामद होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन ग्रामीणों के पास ये हथियार आए कहां से। पूरे गांव में लोगों के घर घर में हथियार मौजूद है जो काफी खतरनाक है। ज्यादातर ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इसका उपयोग शिकार व जंगली जानवरों से रक्षा के लिए किया है लेकिन हथियार रखना अवैध है। बताया जा रहा है कि ये हथियार ग्रामीणों को झारखण्ड के किसी व्यक्ति द्वारा सप्लाई किया जा रहा है। झारखण्ड का तस्कर अवैध रूप से ग्रामीणों के लिए हथियार की तस्करी कर रहा है।
एक सप्ताह पहले मिले थे चार हथियार:
बता दें कि पिछले सप्ताह भी पुलिस ने चुनचुना पुन्दाग क्षेत्र से अभियान चलाकर चार हथियार को बरामद किया था। इनमें से तीन भरमार पुलिस को जंगल में लावारिश हालत में मिले थे जबकि एक भरमार पुलिस ने ग्रामीण से बरामद किया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को जेल भेज दिया था। इस तरह से देखा जाए तो एक सप्ताह के अंदर पुलिस ने कुल 41 भरमार बरामद कर लिया है।
जारी है सर्च अभियान:
हमने ग्रामीणों से एक साथ कुल 37 भरमार बंदूक बरामद किए है। ग्रामीणों द्वारा हथियार का उपयोग अपने खेतों की सुरक्षा और जंगली जानवरों के शिकार के लिए किया जाता था। कुछ ग्रामीणों के पास ये पुस्तैनी हथियार थे जबकि कुछ ने झारखंड से खरीदा था। ग्रामीणों ने अपनी स्वेच्छा से हथियार हमारे सुपुर्द किया है लेकिन अवैध हथियार होने के कारण सभी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। अभी हमारी टीम पुन्दाग कैंप में ही मौजूद है और सर्विंग का कार्य लगातार जारी है।
चलाया गया विशेष अभियान:
ग्रामीणों के पास भरमार हथियार होने की पुष्टि के बाद एसपी श्री बैंकर के निर्देश पर एएसपी विश्व दीपक त्रिपाठी व एसडीओपी एमानुएल लकडा के नेतृत्व में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, कोरंधा थाना प्रभारी विरासत कुजूर, सउनि दशस्थ कुजुर, सउनि सुरेश राम, प्रधान आरक्षक निर्मल एक्का, थाना सामरीपाठ से सउनि सहदेव राम भगत, प्रधान आरक्षक कलेश पैकरा, जयदीप सिंह, कैंप पुन्दाग से प्रधान आरक्षक अमर लकड़ा की टीम ने गांव में सर्च अभियान चलाया। अभियान के दौरान टीम ने गांव में कुल 37 भरमार हथियारों को बरामद किया है। इनमें से कुछ भरमार बंदूक को ग्रामीणों ने अपने खेत में छिपाया था तो किसी ने अपने घर में। ग्रामीणों ने खेत व फसल की सुरक्षा के नाम पर हथियार रखने की बात स्वीकार की है। वहीं ग्रामीणों द्वारा इसका उपयोग शिकार के लिए भी किया जाता था।
कहां से कितने हथियार:
1. 14 चुनचुना
2 .चरहू -8
3. भूताही 8
4. पीपरदाबा 3
5. भीतर चरहू - 2
6. पुंदाग -2