
रायपुर: तीन माह के एक साथ चावल वितरण ने कार्ड धारकों से लेकर राशन दुकान संचालकों को भी खासा परेशान किया हुआ है। तीन माह का चावल एक महीने में बांटे जाने का आदेश तो जारी कर दिया गया है, लेकिन राशन दुकानों में तीन माह का भंडारण करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके कारण अनेकों दुकानों में जहां स्टॉक नहीं होने से हितग्राहियों को बैरंग लौटना पड़ रहा है, वहीं कहीं पर एपीएल चावल का स्टॉक नहीं है, तो कहीं स्टॉक होने पर उन दुकानों में तीन माह की एंट्री ई-पॉश मशीन में किए जाने से उन दुकानों के बाहर सड़क तक लंबी कतार लग रही है। इससे हितग्राहियों के साथ दुकान संचालकों को भी परेशान होना पड़ रहा है।
inh-हरिभूमि की टीम ने बुधवार को शहर के विभिन्न इलाकों में राशन दुकानों में जाकर पड़ताल की। इस पड़ताल से पता चला कि हितग्राही और दुकान संचालकों की परेशानी का कारण खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम (नान) और उससे अनुबंधित ट्रांसपोर्ट एजेंसी है, जिसके द्वारा खपत और मांग के अनुसार राशन दुकानों में चावल की सप्लाई एवं भंडारण नहीं किया जा रहा है।
तीन माह का चावल वितरण के लिए एक्स्ट्रा गाड़ियों का इंतजाम नहीं:
बताया जा रहा है कि तीन महीने का एक साथ चावल वितरण के लिए एजेंसियों ने अतिरिक्त गाड़ियों का कोई इंतजाम नहीं किया है। यही कारण है कि दुकानों में सप्लाई बहुत धीमी है। हालांकि सूत्रों से यह भी पता चला है कि ट्रांसपोर्ट एजेंसिया अनुबंध के अनुसार एक माह में जितनी गाड़ियां मुहैया करा रही थी, उतनी ही तीन माह के चावल वितरण के लिए करा रही हैं।
गोदामों में बीपीएल-एपीएल चावल का भरपूर स्टॉक, फिर भी वितरण में देर:
रायपुर जिले में सात सौ से अधिक उचित मूल्य की दुकानें है। इन दुकानों में नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों से चावल, शक्कर एवं नमक की सप्लाई की जाती है। तीन माह का चावल वितरण करने के आदेश के बाद इन सभी गोदामों में भरपूर मात्रा में एपीएल व बीपीएल चावल का भंडारण किया गया है, ताकि खपत और मांग के अनुसार सभी दुकानों में चावल की सप्लाई की जा सके. लेकिन माह शुरू होने के बाद से अब तक निगम दुकानों में समय पर चावल का भंडारण कराने में विफल रहा है।
ट्रांसपोर्ट एजेंसी के पास गाड़ियों का टोटा:
राशन दुकानों में खाद्यान्न की सप्लाई के लिए निगम ने ट्रांसपोर्ट एजेंसियों के साथ अनुबंध किया हुआ है। इनमें होरा, रूजू सहित अन्य एजेंसी शामिल हैं। दुकान संचालकों की मांग पर टोकन जारी होते ही इन एजेंसियों को गाड़ियों के माध्यम से खाद्यान्न की सप्लाई राशन दुकानों में करनी होती है। इसके लिए एजेंसियों का अलग-अलग क्षेत्र भी बंधा हुआ है। इसके बाद भी एजेंसियां समय पर गाड़ियां उपलब्ध नहीं करा पाती, जिसके कारण हर महीने कई दुकानों को माह खत्म होने के अंतिम दिन भी चावल मिल नहीं पाता, जिससे कई हितग्राही भी राशन लेने से वंचित रह जाते हैं।
राशन दुकानों की स्थिति:
केस1:
अमलीडीह स्थित दुकान आईडी 441001280 में स्टॉक ही नहीं था। इस कारण दुकान में राशन लेने आने वाले हितग्राही बैरंग लौट रहे थे। इस दुकान के संचालक ने बताया कि दो दिन हो गया मांग किए हुए, लेकिन चावल का स्टॉक अब तक नहीं पहुंचा है।
केस 2:
शासकीय स्कूल के सामने अमलीडीह स्थित दुकान आईडी 441001184 में सुबह 11 बजे तक ताला लगा हुआ था। दुकान के बाहर राशन लेने के लिए लंबी कतार लगी हुई थी। दुकान के कर्मचारी संतोष ने बताया कि स्टॉक एक दिन पहले पहुंचा है। दुकान में भीड़ नहीं लगे, इसलिए सभी हितग्राहियों के कार्ड जमा कराए जा रहे हैं। नाम पुकारकर कार्ड धारक को राशन दिया जाएगा।
केस 3:
आमापारा स्थित दुकान आईडी 1052 में एपीएल और बीपीएल दोनों चावल खत्म हो गए थे, जिसके कारण इस दुकान में पहुंचने वाले हितग्राही बेरंग लोट रहे थे। दुकान कर्मी ने बताया कि ऑर्डर दिए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक चावल पहुंचा नहीं है।
हितग्राहियों की बढ़ी परेशानी:
केस 1:
लालपुर निवासी मीना ने कहा कि उसके क्षेत्र की दुकानों में राशन नहीं मिलने पर वह अमलीडीह आई थी. लेकिन यहां लंबी लाइन लगी हुई।
केस 2:
अमलीडीह दुकान 441001184 में न्यू राजेंद नगर निवासी रेशम कनौजे राशन लेने पहुंची थी। उसने बताया कि वह आधे घंटे से दुकान खुलने का इंतजार कर रही है। अब जाकर उसका राशन कार्ड जमा किया है। भीड़ को देखते हुए नंबर आने में कई घंटे लगेंगे।