Bhopal News : बेशकीमती विवादित भूमि के सीमांकन की तैयारी, नायब तहसीलदार पर मनमानी के आरोप

Bhopal News : बेशकीमती विवादित भूमि के सीमांकन की तैयारी, नायब तहसीलदार पर मनमानी के आरोप

हाईलाइट्स

- 300 करोड़ की सरकारी जमीन की बंदरबांट में जुटा जिला प्रशासन
- भूमाफिया का साथ दे रहे अधिकारी

भोपाल। राजधानी भोपाल में जिला प्रशासन ने बेशकीमती जमीन को भूमाफिया को सौंपने की तैयारी कर ली है। प्रभात चौराहे पर हरिराम के बाग के नाम से चर्चित इस भूमि के संबंध में 5 केस जिला न्यायालय में विचाराधीन है। एसडीएम गोविंदपुरा रवीश श्रीवास्तव की कोर्ट में भी भूमि के नामांतकरण के खिलाफ प्रकरण विचाराधीन है। लेकिन इसके बावजूद नायब तहसीलदार राजेश गौतम इस भूमि का सीमांकन कराने के लिए आतुर हैं। जबकि एक महीने पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव की फटकार के बाद सीमांकन की कार्यवाही रोक दी गई थी। लेकिन एक बार फिर राजेश गौतम ने कार्यवाही शुरु कर दी है। विवादित भूमि के सीमांकन के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। जबकि सीमांकन के भी खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा आपत्तियां दर्ज कराई जा चुकी हैं। 

भूमाफिया के दवाब में अधिकारी

प्रभात चौराहे पर स्थित हरिराम के बाग की 6.67 एकड़ भूमि वर्तमान में भूमाफिया अरुण चौधरी और रमेश विश्वकर्मा के नाम पर दर्ज है। जबकि 2019 तक ये भूमि उद्योग विभाग मध्यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज थी। 1963 में भू अधिग्रहण से पहले ये भूमि हरिराम के नाम पर दर्ज थी। हरिराम को ये भूमि उसके पिता गोवर्धन से मिली थी। इस भूमि पर 1933 से अब तक हरिराम के पुत्र डालचंद शाक्य और कुंजीलाल शाक्य के वंशजों का कब्जा है। 2019 तक कैफियत में भी डालचंद शाक्य और कुंजीलाल का नाम दर्ज था। लेकिन फर्जीवाड़ा कर इस भूमि का नामांतरण अरुण चौधरी और रमेश विश्वकर्मा के नाम पर करा लिया गया। जिसके खिलाफ जिला न्यायालय में 5 प्रकरण विचाराधीन हैं। 

नामांतरण के खिलाफ गोविंदपुरा एसडीएम में ही चल रहा केस

फरियादी पक्ष दिवंगत डालचंद शाक्य के परिवार के सदस्यों का कहना हैं कि 2019 में कुंजीलाल की एक फर्जी वसीयत के आधार पर अरुण चौधरी और रमेश विश्वकर्मा ने उक्त भूमि का नामांतरण करा लिया था। जबकि भूमि संयुक्त हिंदू परिवार की है। जिसकी वसीयत का अधिकार कुंजीलाल को नहीं था। इस फर्जी वसीयत के खिलाफ कुंजीलाल के परिवार ने ही जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया है। इसी नामांतरण  के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर एसडीएम गोविंदपुरा रवीश श्रीवास्तव की कोर्ट में भी डालचंद के परिवार का प्रकरण विचाराधीन है। इसके बावजूद नायब तरहसीलदार राजेश गौतम मनमानी पर उतारू हैं। 

विवादित भूमि के सीमांकन पर अड़े नायब तहसीलदार

नियमानुसार किसी भी विवादित भूमि का सीमांकन नहीं किया जा सकता। कोर्ट के आदेश पर ही राजस्व विभाग कोई कार्यवाही करता है। फरियादी पक्ष का आरोप हैं कि नायब तहसीलदार राजेश गौतम मनमानी कर रहे हैं। नियमों को दरकिनार कर अरुण चौधरी और राजेश विश्वकर्मा के दवाब में भूमि का सीमांकन करना चाहते हैं।  वहीं इस मामले में राजेश गौतम का कहना हैं भूमि को चिन्हित करने के लिए सीमांकन की कार्यवाही की जा रही है।


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