
नई दिल्ली: तेहरान के डिस्ट्रक्ट 6 में रहने वाली सईदा को अपने हॉस्टल में मची अफरातफरी याद है। जहां वह अपनी जान बचाने की उम्मीद के साथ भागकर बेसमेंट में छिप रही थीं। सईद ने बताया, 'चारों तरफ बमबारी और विस्फोटों की आवाजें थीं। हमें अपनी जान बचाने के लिए बेसमेंट में छिपना पड़ा। हमें लगा कि हम मर जाएंगे। हमें लगा ये हमारी जिंदगी की आखिरी रात होगी।' 'धमाकों की आवाज से हम सो नहीं पा रहे थे। ये बहुत डरावना समय था।' फिर भारतीय दूतावास ने छात्रों को तेहरान से कोम और यज्द जैसे शहरों में भेजना शुरू कर दिया। वे लोग रिस्पांसिव थे। हमने जब भी फोन किया, उन्होंने उठाया। उन्होंने हमें शहर से बाहर करने और रहने में काफी मदद की।
वो तारीख वह भाषाय काणी नाही नेपणा:
इसी तरह, अलीपुर, कर्नाटक के रहने वाले सैय्यद मोहसिन रजा भी उन भारतीय छात्रों में शामिल हैं, जो ईरान से सुरक्षित वापस लौटे हैं। मोहसिन ने कहा कि, 13 जून की शाम 03:30 बज रहे थे, उस तारीख को मैं कभी नहीं भूलूंगा। हमारे हॉस्टल से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर धमाके की आवाज आई. यहां पर मिसाइलें दागी जा रही थी। इसकी आवाजें ऐसी थी की जैसे कहीं पर बिजली गरज रही हो। हमें पहले तो समझ में नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है, लेकिन कुछ देर बाद यह एहसास हुआ कि यह एक मिसाइल हमला था। हिल गए थे, और हम हैरान थे, कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।
अपनी आंखों के सामने देखा मिसाइल चलते:
मोहसिन शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कर रहे थे। वह फर्स्ट ईयर में हैं, लेकिन अब उन्हें भारत लौटना पड़ा है। उन्होंने बताया कि इजरायली हमलों की वजह से तेहरान में इमारतें थरनेि लगीं। सिर्फ इतना ही नहीं, शॉकवेव से दीवारें कांप रही थीं। कई इमारतों की खिड़कियां भी टूट गई। हमारे सामने वाली बिल्डिंग हिल रही थी। हमने मिसाइल और एयर डिफेंस सिस्टम को अपनी आंखों से देखा। उसके बाद, हमने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और इसके बाद हम भारत पहुंचे।
अब तक 1713 भारतीयों की सुरक्षित वापसी:
इजराइल और ईरान के बीच का युद्ध बढ़ते ही जा रहा है। ये दोनों ही देश एक दूसरे पर एक से बढ़कर एक हमला कर रहे हैं। बता दें कि ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान में फंसे 285 भारतीय नागरिकों को बीती रात सुरक्षित भारत लाया गया था।भारतीय नागरिकों को देर रात एक स्पेशल प्लेन के जरिए दिल्ली लाया गया। भारत की विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने वापस लौटे भारतीयों को दिल्ली एयरपोर्ट पर रिसीव किया। दरअसल भारत में सुरक्षित वापसी के लिए इरान में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए 18 जून को भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की थी। और इस ऑपरेशन के तहत 1713 भारतीयों को अब तक सुरक्षित स्वदेश लाया गया है।