International Yoga Day : सीएम मोहन ने किया योगा, बोले योग से मिलता है संतोष और शांति

International Yoga Day : सीएम मोहन ने किया योगा, बोले योग से मिलता है संतोष और शांति

International Yoga Day : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को योगाभ्यास के लिए प्रेरित करते हुए महत्वपूर्ण संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के करीब 20 हजार स्थानों पर सामूहिक योगाभ्यास आयोजित किया गया, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि योग सिर्फ व्यायाम नहीं बल्कि जीवन जीने की एक सकारात्मक शैली है। “योग अपनाएं, निरोग रहें” के संदेश को दोहराते हुए डॉ. यादव ने कहा कि स्वस्थ शरीर और शांत मन के लिए योग को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य

मुख्यमंत्री ने बताया कि "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" का भाव योग के मूल में समाहित है। योग से शांति मिलती है, शांति से संतोष और संतोष से जीवन में अहिंसा का मार्ग प्रशस्त होता है। जब व्यक्ति अहिंसक होता है, तो उसका जीवन आनंद से भर जाता है। डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में जब दुनिया उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है, ऐसे में भारतीय संस्कृति और योग की ओर वैश्विक रुझान तेजी से बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि काल गणना के दृष्टिकोण से भी आज का दिन विशेष है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है, दुनिया भारत के प्राचीन ज्ञान और योग परंपरा से परिचित हो रही है। अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि योग ने पूरी दुनिया को एकता, अनुशासन और समरसता का संदेश दिया है। यह भारतीय संस्कृति की अद्भुत देन है, जो मानवता को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा रही है।

सीएम मोहन का शेड्यूल

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज सुबह 10.20 बजे भोपाल से उज्जैन के लिए रवाना होंगे। जहां वे 11.10 बजे राम मंदिर, किस्टल ए सिंहस्थ बायपास रोड उज्जैन पहुंचेंगे। दोपहर 12.15 बजे वे ग्राम डोंगला जाएंगे, जहां वे स्थानीय कार्यक्रम पद्मश्री डा. विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला में शंकु यंत्र के माध्यम से शून्य छाया का अवलोकन करेंगे। इसके बाद वे खगोल विज्ञान एवं भारतीय परम्परा के महत्व पर छात्रों से संवाद करेंगे। फिर वे म.प्र. विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद की वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला डोंगला के ऑडिटोरियम में खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वे परिचर्चा सत्र- खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा का हिस्सा बनेंगे। और आचार्य वराहमिहिर न्यास एवं अवादा फाउंडेशन द्वारा निर्मित तारामंडल का लोकार्पण एवं तारामंडल में शो का प्रदर्शन में भाग लेंगे। 


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