
लीलाधर राठी// सुकमा। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। सुकमा जिले के दो गांव केरल पेंडा और बड़ेसट्टी जो कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ माने जाते थे, अब पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित कर दिए गए हैं।यह उपलब्धि राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की सतर्क रणनीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।
अब विकास की ओर कदम:
सरकार ने इन गांवों में शांति बहाली के साथ-साथ विकास को प्राथमिकता दी है। प्रत्येक गांव को ₹1 करोड़ का विकास अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही, पक्की सड़कों का निर्माण, बिजली की सुविधा, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, और रोजगार के अवसर तेजी से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
केरल पेंडा: अब डर नहीं, विकास की पहचान:
कभी नक्सल प्रभाव के कारण अलग-थलग पड़ा केरल पेंडा गांव अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुका है। यहां अब 500 से अधिक लोग सुरक्षित वातावरण में रह रहे हैं। गांव में बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले नक्सली गतिविधियों के कारण भय का माहौल था, लेकिन अब गांव में शांति और भरोसे का वातावरण है। सरकार द्वारा कौशल विकास और स्थानीय संसाधनों पर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं।
बड़ेसट्टी: नक्सल छाया से उजाले की ओर:
बड़ेसट्टी गांव, जहां करीब 300 लोग रहते हैं, अब नक्सलवाद से मुक्त होकर नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा है। यहां भी अब सड़क, बिजली और पानी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। गांववासियों का कहना है कि सरकार की विकास योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। बच्चों के लिए नए स्कूल और वयस्कों के लिए साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।