भोपाल। नगरी विकास व प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगाने की बड़ी तैयारी की गई है। इसके लिए कड़े कानून बना रहे हैं, ताकि अवैध कॉलोनियों की वजह से शहर अव्यवस्थित न हो सके। उन्होंने कहा कि अब किसी भी कीमत पर अवैध काॅलोनी बसने नहीं देंगे। भोपाल का मास्टर प्लान जनता से रायशुमारी के बाद ही लाया जाएगा। इंदौर व जबलपुर का मास्टर प्लान जून 2024 तक आएगा।
मंत्री विजयवर्गीय ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने कहा कि रिसीविंग और जनरेटिंग के लिए .5 एफएआर बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। पिछले दिनों कमर्शियल बिल्डिंग से भी टैक्स लेने पर विचार हुआ है। जल्दी ही इसका क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भोपाल का मास्टर प्लान को लेकर जल्द ही बैठक बुलाई जा रही है। ड्राफ्ट जारी किया जाएगा।
रिसीविंग और जनरेटिंग के लिए .5 एफएआर बढ़ाने का निर्णय
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। जल्दी ही अधिकारियों की टीम बनाकर इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। किसी भी कीमत पर अतिक्रमण को हटाने की तैयारी भी की गई है। जो भी अतिक्रमण करेगा, उसके खिलाफ अतिक्रमण हटाने के साथ ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएम ने निर्देश दिया है कि कंपाउंडिंग की सीमा बढ़ाई जाए। इसलिए 30 फीसदी शुल्क लेने का अधिकार नगरीय निकायों को दिया गया है। इसमें भ्ाी उन्हीं बिल्डिंग से लिया जाएगा जो 2021 से पहले बनी हो। डीम परमिशन में एकरूपता नहीं है। एकरूपता लाने के लिए विभाग मिलकर काम करेंगे। इसके लिए नियम बनाकर क्रियान्वयन किया जाएगा।
टीडीआर के लिए काउंसिल बनेगी क्रेडाई के सदस्य होंगे शामिल
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि टीडीआर की व्यवस्था भोपाल, उज्जैन तथा इंदौर में जल्द लागू कर दी जाएगी। टीडीआर के लिए काउंसिल बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें क्रेडाई के साथ ही कई आर्किटेक्ट को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद ही टीडीआर पर कोई निर्णय हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इंदौर व भोपाल में रिसीविंग जोन 24 मीटर व उसके आगे वहीं सड़क की जेनरेटिंग जोन घोषित किया जाएगा। सड़कों के किनारे एफएआर .5 तक की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी 1000 स्क्वायर फीट पर डीम परमिशन देने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर इसे बढ़ाकर 2000 स्क्वायर फिट किया गया है। आने वाले समय में 2000 स्क्वायर फीट तक के प्लाट पर शुल्क जमा कर निर्धारित प्रकि्रया पूरी होगी।