MP News : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल व आसपास सटे जिले के बेरोजगार युवाओं के लिए यह अच्छी खबर है। राज्य सरकार रायसेन जिले के गौहरगंज में 1800 करोड़ रुपए के निवेश से हाईस्पीड रेल, वंदे भारत ट्रेन के काेच व उससे संबंधित उपकरण बनाने के लिए जमीन आवंटित करने जा रही है। मेट्रो कोच फैक्टरी लगने से स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। इसे बेंगलुरू के रोड शो में अमलीजामा पहना दिया जाएगा। इसके साथ ही मप्र कैबिनेट ने मंगलवार को मानव-हाथी द्वंद्व को कम करने, जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए कुल 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपए खर्च करने को भी मंजूरी दी है।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट व कैबिनेट से पूर्व लिए गए निर्णयों के बारे में पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रायसेन जिले में मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद जिले के युवाओं के पास राेजगार के सीमित साधन मौजूद है। इसे देखते हुए सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक से पहले इस बारे में मंत्रियों को डिटेल में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि निवेश संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए 14 मई को बेंग्लुरू में रोड शो आयोजित किया गया है। इसमें रोजगार सृजन के लिए भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) परियोजना की भूमि आवंटन का पत्र सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में 1800 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। इससे रायसेन जिले के गौहरगंज में बीईएमएल हाईस्पीड रेल, वंदे भारत मेट्रो के कोच व संबंधित उपकरण का निर्माण करेगा। इससे स्थानीय युवाओं को लाभ मिलेगा।
मानव-हाथी द्वंद्व कम होगा
जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए कुल 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपए खर्च करने को भी मंजूरी दी गई है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 और वर्ष 2026-27 अर्थात आने वाले 2 वर्षों सहित कुल 4 वर्षों में (वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक) के लिए की योजना की सैद्धातिंक स्वीकृति दी गई है। योजना के तहत हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में कुल राशि एक करोड़ 52 लाख 54 हजार रुपए व्यय की गई है। निर्णय अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना में राशि 20 करोड़ रुपए और वर्ष 2026-27 में 25 करोड़ 59 लाख 15 हजार रुपए का प्रावधान किया गया।
जंगली हाथियों के लिए बनेगा कंट्रोल रूम
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के ऐसे संरक्षित क्षेत्र जहां हाथियों का आवागमन या उपस्थिति है। उनमें एवं संरक्षित क्षेत्रों के बाहर जंगली हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण, रहवास प्रबंधन तथा विकास के लिए योजना बनाई गई है। जंगली हाथियों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम, वन्यजीव मानव द्वंद्व को रोकने के लिए विभिन्न संरचनाएं बनाई जाएंगी। ई-आई सर्विलेंस की स्थापना और संचालन किया जाएगा। वन्य-प्राणियों के रेस्क्यू और पुनर्वास के लिए कार्य किया जाएगा।
यह भी महत्वपूर्ण है कि इस योजना के तहत प्रभावित क्षेत्रों में मानव-हाथी द्वंद से निपटने के लिए ग्रामीणों, वन विभाग और अन्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभिन्न प्रकार की फेसिंग कार्य किया जाएगा, जिसमें सोलर फेंसिंग भी शामिल है। मानव-हाथी द्वंद्व के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा और आवश्यक उपकरण क्रय किए जाएंगे। निगरानी और ट्रेकिंग कार्य के लिए पेट्रोलिंग वाहन और रेडियो कॉलर क्रय किए जाएंगे। साथ ही हाथी मित्र दल का गठन किया जाएगा।