चीन ने हाल ही में एक रोबो-डॉग विकसित किया है जो आधुनिक युद्धक्षेत्र में दुश्मनों से लड़ने के लिए तैनात किया जा सकता है। यह रोबो-डॉग ऑटोमैटिक राइफल से लैस है और दुश्मनों की पहचान कर उन पर हमला करने में सक्षम है।
चीन की सेना ने कंबोडिया के साथ हुए सैन्य अभ्यास के दौरान इस रोबो-डॉग का प्रदर्शन किया। चीनी सैनिकों का मानना है कि यह शहरी युद्ध अभियानों में एक मूल्यवान संपत्ति हो सकता है, क्योंकि यह मानव सैनिकों को खतरे से बचा सकता है और दुश्मनों को अधिक प्रभावी ढंग से लक्षित कर सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने सैन्य उद्देश्यों के लिए रोबोटिक कुत्तों का प्रदर्शन किया है। पिछले साल, चीन ने राइफल से लैस रोबो-डॉग का एक और संस्करण दिखाया था, और 2020 में, अमेरिकी वायु सेना ने एडवांस्ड बैटल मैनेजमेंट सिस्टम (ABMS) के हिस्से के रूप में रोबोटिक कुत्तों का प्रदर्शन किया था।
युद्ध में ड्रोन का उपयोग पहले से ही आम हो चुका है, और रोबो-डॉग इस प्रवृत्ति को आगे बढ़ा सकते हैं। वे सैनिकों को कम खतरे में डालते हुए युद्धक्षेत्र में अधिक शक्ति और लचीलापन प्रदान कर सकते हैं।
हालांकि, रोबो-डॉग के सैन्य उपयोग से जुड़ी नैतिक चिंताएं भी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह मानव सैनिकों को युद्ध से दूर करने और युद्ध को अधिक निर्मम बनाने की ओर ले जा सकता है।
यह स्पष्ट है कि रोबोटिक कुत्ते युद्ध के भविष्य का हिस्सा बनने की संभावना रखते हैं। यह देखना बाकी है कि उनका उपयोग कैसे किया जाएगा और वे युद्ध के मैदान पर क्या प्रभाव डालेंगे।