भोपाल। आज के परिवेश में लोग मामोज और अन्य प्रकार के बाहरी खाना खाया करते हैं। वहीं इनको बनाने वाले कई लोग खाने वालों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी करते दिखाई दे रहे हैं। जानकारी सामने आई है कि भोपाल के छः नंबर स्थित एक मोमो के कारखाने में स्वच्छता को ध्यान में न रखते हुए शौचालय में पत्तागोभी धोई जा रही थी। इसपर नगर निगम द्वारा आठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि यदि देखा जाए तो इस कारखाने में और भी कई काम ऐसे किए जा रहे हैं जिसके बारे में फूड एंड ड्रग कंट्रोल को पता लगने पर दो लाख तक का जुर्माना किया जा सकता था। क्योंकि इस कारखाने के आस-पास गंदगी का अंबार लगा हुआ था।
कर रहे थे नाले की सफाई
ये सारा वाकया छः नंबर में माचना कॉलोनी के एक कारखाने का है। आज सुबह एएचओ रवींद्र यादव और उनकी टीम द्वारा मचान कॉलोनी के एक नाले की सफाई कराई जा रही थी। इसी बीच कुछ लोगों द्वारा इसी नाले में खाद्य सामग्री फेंकी गई। इसपर आपत्ति जताते हुए एएचओ रवींद्र यादव ने उनसे सवाल जवाब करना शुरू कर दिया। तब सामने आया कि ये लोग एक कारखाने में काम करते हैं। एएचओ जब अपनी टीम के साथ कारखाने में पहुंचे तो देखा कि वहां हर सरफ गंदगी भरी हुई थी। वहीं ये भी दिखा कि एक आदमी द्वार शौचालय में कटी हुई पत्तागोभी को धोया जा रहा था। इस मंजर को देखकर मिगम द्वारा कारखाना मालिक के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिसमें आठ हजार का फाइनइनपर लगाया गया है। कारखाना गोस्वामी मोमोज के नाम से छह नंबर के पास ठेला लगाने वाले कैलाश गिरी का बताया जा रहा है।
लगाया केवल गंदगी का हरजाना
निगम के द्वार इनपर गंदगी फैलाने के लिए कार्रवाई की गई है। जिसमें कारखाना मालिक पर निगम ने स्पॉट फाइन लगाकर आठ हजार रुपए का जुर्माना लगाया। यदि हर पहलू को देखा जाए तो इस कारखाने में कई प्रकार के अमानक कार्य किए जा रहे थे। यदि इसकी सूचना फूड एंड ड्रग कंट्रोल विभाग को दी गई होती तो कारखाना संचालक पर दो लाख तक का जुर्माना लग सकता था। कारखाने में भारी मात्रा में फूड कलर भी मिला है। वहीं इस कारखाने में मोमो पकाने के लिए भी घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग हो रहा है, जबकि इसके लिए व्यावसायिक गैस सिलेंडर उपयोग किया जाना चाहिए। इस प्रकार न ही ये केवल लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। बल्कि अमानक कार्य भी इस कारखाने में किए जा रहे हैं। जिन्हें देखते हुए फूड सेफ्टी विभाग इनपर मोटा हरजाना लगा सकता था।
कार्रवाई को लेकर इनका कहना
इस कार्रवाई को लेकर एडीएम हिमांशु चंद्र का कहना है कि ऐसे मामलों में यदि खाद्य एवं औषधि विभाग को सूचना मिले तो 2 लाख रुपए तक जुर्माना लग सकता है और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ को आधार बना कर यदि पुलिस में प्रकरण दिया जाए तो सजा भी हो सकती है। नगर निगम को जहां भी ऐसी जरूरत महसूस हो खाद्य विभाग को सूचित करना चाहिए। हम तत्काल कार्रवाई करेंगे। वहीं नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण का कहना है कि भी तक नगर निगम अमला केवल गंदगी के चालान करता है, लेकिन अब हम खाद्य विभाग से संबंधित कानून और प्रक्रिया की जानकारी देंगे। उन्हें संबंधित अधिकारियों के नंबर भी उपलब्ध कराएंगे। इससे प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।