Sagar News : मध्यप्रदेश में पिछले कुछ सालों में कई स्थानों के नामों में बदलाव किया गया है, जिससे राज्य के अलग-अलग जिलों में भी शहरों और गांवों के नाम बदलने की मांगें सामने आने लगी हैं। इसी क्रम में अब सागर जिले के एक छोटे नगर देवरी को लेकर नाम परिवर्तन की मांग तेज़ हो गई है। यह मांग क्षेत्रीय विधायक और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बृजबिहारी पटेरिया ने उठाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस विषय में औपचारिक पत्र लिखकर देवरी का नाम देवपुरी रखने का अनुरोध किया है।
नाम बदलने की वजह?
बीजेपी विधायक पटेरिया ने अपने पत्र में कहा है कि वर्तमान में देवरी शब्द का उच्चारण और अर्थ स्थानीय बुंदेली बोली में कई बार अशोभनीय रूप में लिया जाता है, जिससे विशेषकर महिलाओं को असहजता का सामना करना पड़ता है। उनके अनुसार, यह नाम बातचीत के दौरान मज़ाक का कारण भी बनता है, जो नगर की गरिमा और सामाजिक मर्यादा के प्रतिकूल है। इसलिए, इस छोटे से शहर को एक सम्मानजनक और ऐतिहासिक पहचान लौटाने की आवश्यकता है।
इतिहास से जुड़ी है ‘देवपुरी’ की पहचान
विधायक पटेरिया ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि देवरी का मूल नाम देवपुरी ही था। ऐतिहासिक दस्तावेज़ों और स्थानीय लोगों के अनुसार, सन 1813 में नगर में एक भीषण अग्निकांड हुआ था, जिससे नगर लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया था। नगर के पुनर्निर्माण के दौरान इसका नाम देवपुरी से बदलकर देवरी हो गया।, लेकिन अब समय आ गया है कि इस ऐतिहासिक नाम को फिर से बहाल किया जाए।
राजनीतिक और सामाजिक समर्थन
बीजेपी विधायक का कहना है कि नगर के कई नागरिक, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि इस नाम परिवर्तन के पक्ष में हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर हाल ही में बदले गए नामों का भी हवाला दिया, जैसे कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति किया गया, या फिर शिवपुरी के कई क्षेत्रों में हुए नाम परिवर्तनों को। उनका मानना है कि सरकार को स्थानीय जनता की भावनाओं और ऐतिहासिक तथ्यों का सम्मान करते हुए इस मांग पर सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए।
कहां है देवरी?
देवरी, सागर जिले की एक तहसील है, जो सागर-नरसिंहपुर मार्ग पर स्थित है। यह सागर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और रणनीतिक दृष्टि से भी एक महत्त्वपूर्ण स्थान माना जाता है। यह क्षेत्र कृषि, व्यापार और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिहाज़ से भी सक्रिय है।