OperationSindoor : भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ा और निर्णायक कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। इस विशेष सैन्य अभियान में एक साथ 9 आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त किया गया है, जिनमें करीब 90 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। भारत की इस कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तान को चेतावनी दी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मजबूत संदेश दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
पीएम की हाईलेवल बैठक
एयरस्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई, जिसमें देश की सुरक्षा से जुड़े शीर्ष मंत्री शामिल हुए। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात की। करीब 40 मिनट चली इस बैठक में सीमा सुरक्षा, आंतरिक खतरे और आगे की संभावित रणनीति पर विचार हुआ। सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में यह तय किया गया कि सुरक्षा एजेंसियां पूरे देश में अलर्ट रहें और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। इस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य बलों की तैनाती और खुफिया तंत्र को और अधिक मजबूत करने पर चर्चा हुई।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष का समर्थन
बुधवार को संसद परिसर के पुस्तकालय भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में देश की राजनीतिक एकता देखने को मिली। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें सभी प्रमुख दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति की जानकारी दी। इस अहम बैठक में विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, एनसीपी की सुप्रिया सुले, शिवसेना के संजय राउत, बीजद के सस्मित पात्रा, माकपा के जॉन ब्रिटास, जदयू के संजय झा, लोजपा नेता चिराग पासवान और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी भी बैठक में शामिल हुए।
सभी दलों ने दिया समर्थन
बैठक के दौरान सभी दलों ने एकमत होकर आतंकवाद के खिलाफ की गई इस निर्णायक कार्रवाई का समर्थन किया। विपक्ष ने साफ कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर वो सरकार के साथ खड़े हैं। इससे स्पष्ट संकेत गया कि आतंकवाद जैसे संवेदनशील विषय पर भारत की राजनीति में व्यापक सहमति है।
ऑपरेशन सिंदूर रहेगा जारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी पूरा नहीं हुआ है, और जरूरत पड़ने पर इसका अगला चरण भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों और सैनिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और आतंकियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।