How to avoid Heat Wave: समर सीजन शुरू हो चुका है. देश के कई राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. भारी धूप में लोगों का निकलना भी मुश्किल हो रहा है। आने वाले महीनों में गर्मी और बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में गर्म हवा और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है. चिलचिलाती गर्मी में लू से बचने के लिए घरेलू उपाय काफी कारगर साबित होते है। ऐसे में आज हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे है। जिन्हे करने से आप लू से बच सकते है।
सूती कपड़े
लू लगने से बचने के लिए सूती कपड़े पहनें। सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनें। घर से बाहर पूरी आस्तीन के और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि उनमें हवा लगती रहे। ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचे।
छाता साथ लेकर जाएं (Umbrella)
गर्मियों में सुबह आठ बजे ही तेज धूप हो जाती, ऐसे में हीटस्ट्रोक का खतरा रहता है. अगर आप खुद की कार से नहीं जा रहे हैं तो छाता का प्रयोग करें. जहां जरूरत हो छाता खोल लें.
प्याज जरूर खाएं (Onion)
गर्मियों में खासकर लू के समय प्याज जरूर खाना चाहिए. प्याज को सलाद के रूप में खाएं. हो सके तो एक बहुत छोटी सी प्याज को अपनी जेब में रखें. प्याज आपको लू से बचाता है. लू लग जाने पर प्याज रामबाण इलाज करता है. लू वाले व्यक्ति को प्याज का रस हथेलियों और पैरों के तलों पर लगा देने से लू का असर कम होता है.
आम पन्ना (Aam panna)
आम पन्ना गर्मियों का बेहद लोकप्रिय ड्रिंक है. इसे घर में भी तैयार किया जा सकता है. कच्चे आम को उबालकर, उसका गुद्दा निकालकर उसे शक्कर, पोदीने के पत्तों के साथ पीसकर तैयार कर लें. फिर इसमें ऊपर से भुना हुआ जीरा पाउडर मिलाकर फ्रीज में ठंडा कर पिया जाता है. यह टेस्टी होने के साथ आपको लू से भी बचाता है.
खाली पेट न रहें (Empty stomach)
लू से बचना है तो कभी भी खाली पेट नहीं निकलें. हमेशा ब्रेकफास्ट करके या कुछ हेवी खाकर निकलें. इससे लू नहीं लगती है.
नींबू और नमक का पिए घोल
पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है। इसके साथ ही गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
लू लगने के लक्षण क्या होते हैं
यदि किसी व्यक्ति को लू लग गई है, तो वह डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है, उसके शरीर में पानी की कमी हो जाएगी. शरीर का तापमान लगभग 101 या 102 डिग्री से ऊपर होगा और उसे बार-बार प्यास लगेगी. युवाओं की तुलना में बच्चों और बुजुर्गों को लू लगने की संभावना बहुत अधिक होती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनके हीट का रेगुलेटरी मेकैनिज्म जल्द ही डिसअरेंज में चला जाता है. ऐसे में बुजुर्ग या बच्चे बहुत देर तक गर्मी में रहेंगे, तो लू लगने या हीट स्ट्रोक होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।