52 Shaktipeeths 22 Bhramari Devi Shaktipeeth: पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी जिले के बोडा सालबाड़ी गांव में स्थित भ्रामरी देवी मंदिर देवी सती को समर्पित एक अत्यंत पवित्र शक्तिपीठ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव सती के पार्थिव शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर के अंगों को खंडित किया। उसी समय देवी सती का बायां पैर इस स्थान पर गिरा, जिसके कारण यह स्थल 52 शक्तिपीठों में शामिल हुआ।
तीस्ता नदी के किनारे स्थित ‘त्रिस्त्रोत शक्तिपीठ’:
भ्रामरी देवी मंदिर तीस्ता नदी के तट पर स्थित है। नदी के तीन प्रवाहों के मिलन बिंदु के निकट यह शक्तिपीठ होने के कारण इसे त्रिस्त्रोत शक्तिपीठ भी कहा जाता है। इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्ता दोनों ही इसे श्रद्धालुओं के लिए विशेष बनाते हैं।
देवी भ्रामरी और भगवान स्थाणु का पूजन:
यहां की अधिष्ठात्री देवी को भ्रामरी देवी के नाम: से पूजा जाता है, जबकि उनके भैरव रूप में भगवान स्थाणु की आराधना होती है। ऐसा माना जाता है कि यहां की देवी भक्तों के सभी भय और नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करती हैं और उन्हें आत्मिक शांति प्रदान करती हैं।
भक्ति और दर्शन का महत्व:
नवरात्रि, चैत्र और अश्विन मास के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हर साल हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आकर माता के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह शक्तिपीठ न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक साधना का भी केंद्र है।
कैसे पहुंचे भ्रामरी देवी मंदिर:
भ्रामरी देवी शक्तिपीठ जलपाइगुड़ी शहर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान सिलीगुड़ी से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। नजदीकी रेलवे स्टेशन जलपाइगुड़ी और सबसे निकटतम हवाई अड्डा बागडोगरा एयरपोर्ट है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए भी अद्भुत गंतव्य:
भ्रामरी देवी शक्तिपीठ जलपाइगुड़ी का यह पावन स्थल, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। जहां देवी सती के बाएं पैर के गिरने से यह स्थान पवित्र बना, वहीं तीस्ता नदी के तट पर स्थित होने से इसकी आध्यात्मिक शक्ति और भी बढ़ जाती है। यह स्थान न केवल देवी उपासकों के लिए एक तीर्थ है बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी अद्भुत गंतव्य है।