MP Ayush Medical Association : मध्य प्रदेश के लगभग 4000 पूर्व कोरोना योद्धाओं ने एक बार फिर देश सेवा की इच्छा जताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। कोविड-19 आयुष चिकित्सक संघ द्वारा भेजे गए इस पत्र में बताया गया है कि वे देश के किसी भी कोने में, बिना किसी पारिश्रमिक के, भारतीय सेना और प्रशासनिक तंत्र की मदद के लिए तैयार हैं।
देशभक्ति नहीं आएगी कमी
आयुष चिकित्सा संघ के प्रदेश संयोजक अंकित असाटी ने जारी किए पत्र में लिखा है कि लगभग 05 साल पहले, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से जूझ रही थी, उस समय मध्य प्रदेश सरकार ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के तहत 4000 से अधिक अस्थाई कोरोना योद्धाओं की भर्ती की थी। इन योद्धाओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना दो वर्षों तक दिन-रात कोविड से संक्रमित मरीजों की सेवा की और हजारों लोगों की जान बचाई। हालाँकि, महामारी कम होने के बाद सरकार ने बजट संकट का हवाला देते हुए इन योद्धाओं की सेवाएं समाप्त कर दीं। आज भी इनमें से 2000 से अधिक लोग बेरोजगारी की स्थिति में हैं। बावजूद इसके, इन योद्धाओं की देशभक्ति में कोई कमी नहीं आई है।
संकट में हम सेना के साथ
पत्र में आगे बताया गया है कि 8 मई से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाओं पर तनाव बढ़ गया है और युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं। केंद्र सरकार ने भी कई विभागों को सतर्क रहने और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। ऐसे समय में इन पूर्व कोरोना योद्धाओं ने एक स्वर में निर्णय लिया है कि वे इस राष्ट्रीय संकट में सेना और नागरिकों की चिकित्सा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं।
आयुष चिकित्सक संघ ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वे यह सेवा बिना किसी वेतन या सुविधा की मांग किए, केवल देशहित में देना चाहते हैं। इन योद्धाओं की यह पहल न सिर्फ उनके समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अस्थाई नियुक्तियों के बावजूद, उनका जज़्बा स्थायी है।