होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

वनधन विकास केन्द्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में प्रभावी, चिरायता के विक्रय से 62 हजार का मुनाफा

वनधन विकास केन्द्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में प्रभावी, चिरायता के विक्रय से 62 हजार का मुनाफा

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग से मिले प्रोत्साहन एवं सहयोग से प्रदेश की महिलाएं तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं। राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड में प्रगति विकास केन्द्र जोब से जुड़ी महिलाओं के समूह ने वनौषधि चिरायता का 62 हजार रूपए का लाभ अर्जित किया है। महिलाएं इस सफलता से इतनी आत्मविश्वास से परिपूर्ण हो गई हैं कि वे अब जिमीकंद का आचार बनाने और उसकी मार्केटिंग की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

इस समूह की महिलाएं अपने सफलता की कहानी खुद बयां कर रही हैं। सचिव रूक्मिणी मंडावी ने बताया कि ऐसा सोचे नहीं थे कि एक माह में इतनी उन्नति करेंगे। जनपद पंचायत के अधिकारियों से प्रोत्साहन एवं सहयोग मिला, जिससे हम सभी महिलाएं अब स्वावलंबी हो रही हैं। शासन के प्रगति वनधन विकास केन्द्र जोब से हमारी किस्मत बदली है। अब हम न केवल जागरूक हुए हैं बल्कि हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ा है और संकोच दूर हुआ है। उन्होंने बताया कि 44 क्विंटल चिरायता ग्रामीणों से क्रय कर वन विभाग को विक्रय से 62 हजार रूपए का मुनाफा हुआ है। समूह की महिलाएं इस सफलता से बहुत खुश हैं। हम सभी आगे भी मिलकर अपने जीविकोपार्जन व्यवसाय को आगे बढ़ाने में जुटी हैं। बिमला बाई ने कहा कि अब हम जिमीकंद का अचार बनाएंगे और इसकी मार्केटिंग भी करेंगे।

जनपद पंचायत सीईओ प्रतीक प्रधान ने बताया कि चिरायता वनौषधि है और इस क्षेत्र में बहुतायत होता है। महिलाओं ने 93 हजार 135 रूपए की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में चिरायता खरीदा था और उसका विक्रय करने पर 1 लाख 55 हजार 225 रूपए की राशि में विक्रय किया। जिससे उन्हें 62 हजार आमदनी हुई है।


संबंधित समाचार