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कोयला कम, लेकिन हालात अब सुधर रहे: केंद्रीय कोयला मंत्री जोशी ने किया कोरबा की खदानों का निरीक्षण

कोयला कम, लेकिन हालात अब सुधर रहे: केंद्रीय कोयला मंत्री जोशी ने किया कोरबा की खदानों का निरीक्षण

कोरबा | कोयले की कमी के चलते संभावित बिजली संकट की बात को कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी स्वीकार किया है। केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि कोयले की कमी हुई है, लेकिन हालात अब सुधर रहे हैं। जितना कोयला बिजली आपूर्ति के लिए चाहिए, वह दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री कोयला खदानों के निरीक्षण के लिए कोरबा पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड के बाद मांग में जबरदस्त तेजी आई है। अभी तक हम पावर प्लांट को 1.9 मिलियन कोयला प्रतिदिन दे रहे थे, लेकिन बुधवार को 2.08 मिलियन टन दिया गया। हमने अफसरों से कहा है कि पावर प्लांट के लिए जो लक्ष्य तय किया था, उसके मुताबिक उन्हें रोज हर हाल में कोयला दिया जाए। इससे पावर प्लांट में 20-40 दिन का स्टॉक तो नहीं होगा, लेकिन जरूरत के हिसाब से कमी नहीं होने देंगे।

आयात में 30% कटौती, उत्पादन 20 फीसदी बढ़ा

कोयला मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने से आयात होने वाले कोयले की मात्रा 30 प्रतिशत तक कम हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि कोल इंडिया ने अपना उत्पादन 20 प्रतिशत तक बढ़ाया है। कोयले में कमी का एक कारण मानसून का लंबा खिंच जाना भी है। कोविड के बाद हमारी इकोनॉमी की रिकवरी बहुत अच्छी हुई। इसके कारण बिजली की मांग अचानक से बढ़ी है। इस पीक स्थिति में कोयले की शॉर्टेज हुई थी।

मंत्री ने 8 घंटे तक खदानों का निरीक्षण किया, बैठक ली

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोरबा में करीब 8 घंटे तक खदानों का निरीक्षण किया। साथ ही अफसरों की बैठक भी ली। उन्होंने बताया कि मुआवजे के लिए SECL के अफसरों से कहा है। जो लोग भी उसके हकदार हैं और हमारी ओर से रुका है, उसे तत्काल पूरा किया जाए। परिजनों को नौकरी देना है, तो उस समस्या को भी तत्काल दूर करें।

देश को 20% कोयला देता है छत्तीसगढ़

श की जरूरत का 20 प्रतिशत कोयला छत्तीसगढ़ देता है। यहां कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी साउथ-इस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड यानी SECL की 41 खदानें हैं। इसमें से ओपन कास्ट खदानों की संख्या अधिक है। यहां से सालाना 150 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन होता है। कोरबा जिले की ही खदानों से SECL 130 लाख मीट्रिक टन कोयला निकालती है। अफसरों के मुताबिक, कायदे से बिजली कंपनियों को 24 दिन उपयोग के बराबर कोयले का स्टॉक रखना होता है।


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