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छग में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महा अभियान आज से शुरू, राज्यों की सीमा पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी

छग में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महा अभियान आज से शुरू, राज्यों की सीमा पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में धान उत्पादक किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महा अभियान एक दिसम्बर से शुरू हो गया है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। किसानों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस माह की 28 तारीख को आयोजित केबिनेट की बैठक में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसंबर से 31 जनवरी 2021 तक और मक्का की खरीदी 1 दिसंबर से 31 मई 2021 तक करने के निर्देश दिए गए हैं। 1 दिसंबर से प्रदेश में 2 हजार 305 धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की जाएगी। इस वर्ष 257 नए धान खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं।

राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों से खेती-किसानी छोड़ चुके 2 लाख से अधिक किसान खेतों की ओर लौटे हैं, जिससे खेती के रकबे में वृद्धि हुई है। पिछले दो वर्षों में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर 56.85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। दो सालों के दौरान धान खरीदी का यह आंकड़ा 83.94 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। इस साल धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या और धान की रकबे को देखते हुए समर्थन मूल्य पर बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है। इसको लेकर राज्य शासन द्वारा हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। धान उपार्जन के लिए बारदाने की कमी के बावजूद भी सरकार इसके प्रबंध में जुटी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी के दौरान सीमावर्ती राज्यों से लाए जाने वाले धान पर कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए। इसकी जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौंपी गई है। सीएम बघेल ने यह निर्देश भी दिए हैं कि राज्य के भीतर एक से दूसरे जिलों से धान लाने ले जाने वाले किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर धान खरीदी के लिए समुचित संख्या में बारदानों की व्यवस्था की जा रही है। धान उपार्जन के लिए 4 लाख 75 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता संभावित है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को केवल एक लाख 43 हजार गठान बारदानों की ही आपूर्ति की स्वीकृति दी है तथा इसमें से मात्र 56 हजार गठान बारदाने प्राप्त हुए हैं। बारदानों की कमी की पूर्ति के लिए राज्य शासन द्वारा 70 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने खरीदी जा रही है। बारदानों की कमी से धान खरीदी प्रभावित न हो, इसके लिए राज्य में पीडीएस बारदानों का संकलन एवं मिलर के पुराने बारदानों का सत्यापन किया जा रहा है।


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