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ट्रांसजेंडरों के दस्तावेजों के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने शुरू किया सर्वे, प्रशासन से भी मांगी

ट्रांसजेंडरों के दस्तावेजों के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने शुरू किया सर्वे, प्रशासन से भी मांगी

भोपाल। मप्र हाईकोर्ट की ओर से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश जारी होने के बाद प्रदेशभर के जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जिले में निवासरत ट्रांसजेंडर्स का पैरालीगल वालंटियर्स के जरिए सर्वे शुरू कर दिया है।

राजधानी भोपाल में प्राधिकरण की ओर से दो पैरालीगल वालंटियर्स नियुक्त किए गए हैं, जो लगातार इसका सर्वे कर रहे हैं। अब तक इनके द्वारा 140 ट्रांसजेंडर की सूची तैयार की गई है, जिसे प्राधिकरण सचिव को सौंपा गया है। प्राधिकरण सचिव द्वारा यह सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही जिला प्रशासन से उनके पास मौजूद सूची भी मंगाई गई है। ताकि सर्वें और प्रशासन की सूची के आधार पर जिले में निवासरत ट्रांसजेंडर्स तक पहुंचकर उनके सभी दस्तावेज तैयार कराए जा सकें। प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिनों के सर्वे के बाद 140 की सूची में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है। सर्वे होने के बाद प्राधिकरण द्वारा शिविर लगाकर ट्रांसजेंडर्स के आधार कार्ड, राशन कार्ड और पहचान पत्र बनाए जाएंगे।

प्रदेश में 29 हजार ट्रांसजेंडर : जानकारों की मानें तो 2011 की जनसंख्या के अनुसार प्रदेश में करीब 29 हजार से अधिक ट्रांसजेंडर निवासरत हैं। समाज की मुख्यधारा से अलग होने से इनकी आजीविका का भिक्षाटन के अलावा अन्य जरिया नहीं है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन से इनकी हालत बहुत खराब हो गई। नतीजतन अधिकांश किन्नरों के राशन, आधार कार्ड नहीं बनने से उन्हें ट्रांसजेंडर्स कार्ड व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में होईकोर्ट में दायर एक याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने ट्रांसजेंडर्स को बड़ी राहत दी है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एसपीएस बुंदेला का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए यह निर्देश दिए गए हैं कि उनको आधार कार्ड, राशन कार्ड और पहचान पत्र प्राथमिकता के आधार पर बनाए जाए। ताकि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हे मिल सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर नियमित रूप से इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। जल्द ही भोपाल में निवास करने वाले सभी ट्रांसजेंडर को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में उक्त दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे।

 


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