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एक्ट्रोसिटी के फर्जी मामले में दोष मुक्त हुए डिप्टी सीएम विजय शर्मा, जानिए क्या था पूरा मामला

एक्ट्रोसिटी के फर्जी मामले में दोष मुक्त हुए डिप्टी सीएम विजय शर्मा, जानिए क्या था पूरा मामला

रायपुर। डिप्टी सीएम विजय को एक बड़े मामले में जीत मिली है. उनपर तत्कालीन जिला खाद्य अधिकारी अरूण मेश्राम ने एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसपर गुरुवार को जिला सत्र न्यायालय में अंतरिम सुनवाई के दौरान जिला सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने फैसला सुनाते हुए विजय शर्मा को दोषमुक्त करार दिया है।

जीत के बाद क्या बोले डिप्टी सीएम:

न्यायालय में चल रहे पुराने एक्ट्रोसिटी मामले में दोष मुक्त होकर कोर्ट परिसर से बाहर निकले डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने स्थानीय पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, आम गरीब लोगों का राशन कार्ड नही बन रहा था। आम जनता गरीब लोग जिनकी जीविका राशन दुकान से मिलने वाली खाद्यान्न सामग्री से चलती है। ऐसे लोगों के लिए एक जन प्रतिनिधि की हैसियत से किसी ऑफिस में जाना और अधिकारियों से बात करना तत्कालीन भूपेश सरकार में अपराध हो गया था। राजनीतिक प्रतिद्वंदता ना बढ़ जाये इसलिए तत्कालीन विधायक मोहम्मद अकबर इस तरह के हथकंडे अपनाते थे। 

5 वर्ष कांग्रेस ने मुकदमे लगाकर लोगों को किया प्रताड़ित 

उन्होंने आगे कहा कि, लोगों को अलग-अलग तरह से परेशान करना प्रताड़ित करना यही तो हुआ पिछले 5 वर्ष के कांग्रेस के कार्यकाल में। लेकिन अंत मे सच्चाई की जीत होती है। इसलिए कहा गया है कि, "सत्य मेव जयते" यह शास्त्रोक्त कथन है प्रमाणित है देर से सही पर सत्य की जीत होती है। माननीय न्यायालय ने उक्त प्रकरण में मुझे और कैलाश चंद्रवंशी को आज दोष मुक्त किया है। उन्होंने आगे कहा कि, यह फर्जी तरीके से करायी गई एक FIR थी। जब  तत्कालीन खाद्य निरीक्षक द्वारा पहले पुलिस को सिर्फ सूचना दिया गया था। फिर एक माह बाद उन्ही खाद्य निरीक्षक द्वारा यह कहकर कि, जाती सूचक शब्द बोला गया है दूसरी बार शिकायत किया गया। जिसके तहत एट्रोसिटी का मामला बनाकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। माननीय न्यायालय ने इस सभी विषयों को देखते हुए मुझे और कैलाश चंद्रवंशी को दोष मुक्त कर दिया है। 


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