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Pregnancy Risk : 10 में से तीन गर्भवती एनीमिक, बढ़ सकता है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का खतरा

Pregnancy Risk : 10 में से तीन गर्भवती एनीमिक, बढ़ सकता है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का खतरा

भोपाल। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में रक्त की कमी का होना उनके और होने वाले बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है। इन महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी श्रेणी में रखा जाता है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामले कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहा है। इसके बावजूद महिलाओं में इसका खतरा बढ़ रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद 10 में से तीन गर्भवती महिलाएं खून की कमी और अन्य गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित जांच शिविर की रिपोर्ट से सामने आई है।

स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए

समाज में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के पोषण को नजरअंदाज किया जाता रहा है। गर्भावस्था में पौष्टिक आहार की कमी के कारण गर्भावस्था का उच्च जोखिम होता है। 50-60 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होती है। गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सावधान रहना चाहिए। गर्भावस्था से संबंधित कोई भी शारीरिक समस्या होने पर चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
    डॉ .प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ

उच्च रक्तचाप और मधुमेह भी जिम्मेदारी


रिपोर्ट के मुताबिक शिविरों में 768 महिलाओं की जांच की गई, जिसमें से 208 महिलाएं हाई रिस्क श्रेणी में पाई गईंं। डॉक्टरों के मुताबिक हाई रिस्क का सबसे बड़ा कारण एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी होना है। इसके साथ ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह और प्री-सीजेरियन डिलीवरी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का कारण बनते जा रहे हैं।  

इस खतरे की संभावना

उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था गर्भवती महिला और अजन्मे बच्चे के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। समय से पहले जन्म, शिशु हृदय विकार, गर्भपात, शिशु में जन्मजात विकृति, गर्भवती महिला के जीवन के लिए जोखिम, प्रसव से संबंधित जटिलताएं, प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव, प्रसवोत्तर महिला में प्रसव पीड़ा और सेप्सिस में कमी हो सकती है। 


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