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बनिए खुद का बेटर वर्जन, इन टिप्स के जरिए लगाए अपनी पर्सनैलिटी में चार चांद

बनिए खुद का बेटर वर्जन, इन टिप्स के जरिए लगाए अपनी पर्सनैलिटी में चार चांद

Personality Tips: मीता की एक फैमिली फंक्शन (Family Function) में बरसों बाद अपनी कजिन सुरभि से मुलाकात हुई। सुरभि को देखकर वह हैरान रह गई। दस साल पहले वह कम बोलने वाली और सिंपल-सी दिखने वाली लड़की थी। लेकिन अब उसकी पर्सनालिटी और बिहेवियर बहुत चेंज हो गया। वह कॉन्फिडेंट होकर सबसे बात कर रही थी। उसकी बातें नॉलेज से भरी थीं। हर कोई उससे मिलकर इंप्रेस था।

मीता ने सुरभि से इस बदलाव के बारे में पूछा तो उसने बताया, 'मैंने अपना ही बेटर वर्जन (Better Version) बनने पर फोकस किया, ना कि किसी दूसरे की तरह बनने की कोशिश की। इसी का रिजल्ट है कि आज मैं सबको काफी बदली हुई नजर आ रही हूं।' मीता को सुरभि की, अपना ही बेटर वर्जन बनने की बात बहुत जमी। उसने भी आगे से इसी बात पर फोकस (Focus) करने की सोची। आप भी ऐसा ही कर सकती हैं, इसके लिए आपको अपने व्यवहार, व्यक्तित्व (Personality) में कुछ बातें शामिल करनी होंगी-

अपनी क्वालिटीज को बढ़ाइए

हर किसी में अपने विशेष गुण या विशेषता होती है, जो उसे दूसरों से अलग बनाती है। खुद का बेटर वर्जन बनने के लिए आपको अपनी इसी विशेषता यानी क्वालिटीज को ही अभ्यास से धीरे-धीरे बढ़ाना होगा। हम अपने आस-पास देखते हैं कि कई महिलाएं घर-परिवार की जिम्मेदारी तो उठाती ही हैं, ऑफिस का काम भी बखूबी करती हैं। लेकिन ये सब करना आसान नहीं है। अभ्यास से ही वे ऐसा कर पाती हैं। वे अपनी मल्टीटास्किंग एबिलिटी को बढ़ाती हैं। इसलिए आप भी अपना बेटर वर्जन बनने के लिए अपनी क्वालिटीज पर फोकस कीजिए। अगर आप अच्छा बोलती हैं तो अपनी नॉलेज को बढ़ाइए। इससे आप अपनी बातें एक लॉजिक के साथ सबके सामने रख सकेंगी, हर कोई आपको ध्यान से सुनेगा और आपकी बातों का महत्व बढ़ेगा। इसी तरह अपनी दूसरी क्वालिटीज पर आप काम करती रहिए और खुद को बेहतर बनाती रहिए।

एक्सपीरियंस से सीखिए

हमारा जीवन अनुभवों से भरी एक यात्रा है। यह अनुभव अच्छे और बुरे हर तरह के होते हैं। हमें अपने दोनों तरह के अनुभवों से सीख लेनी चाहिए। यही सीखें आगे चलकर हमें गलतियां दोहराने से रोकती हैं। इस तरह हम सही फैसले लेते हैं और सही राह चुनते हैं। इसी के साथ अपने घर के बड़ों के अनुभवों को भी महत्व दीजिए। जापानी बौद्ध भिक्षु शुनम्यो मसुनो अपनी लिखी किताब 'जेन-सरल जीवन जीने की कला' में लिखते हैं, 'आपको अपने आस-पास बहुत से बुजुर्ग दिखेंगे। उनमें से हर किसी के पास अपने जीवन की एक कहानी है। उनके पास अपने अनुभव और ज्ञान हैं। आपने अपने जीवन में जो सीखा है, वे उससे कहीं अधिक बड़े और महत्वपूर्ण हैं। वे लोग आपको ऐसे किस्से सुनाएंगे, जो उन्होंने देखे और जाने। उनके अनुभव अनमोल हैं। उनके पास स्कूली या किताबी शिक्षा के बजाय अनुभव से उपजा ज्ञान है, जो उनके दिल से निकला है और उनके भीतर बसा है। इन सच्ची कहानियों में ही आपको अपने जीवन की कुंजियां मिल सकती हैं।' कहने का अर्थ यही है कि यही सब बातें हमारे व्यक्तित्व को, हमें बेहतर बनाती हैं। इसलिए आप भी अनुभवों से सीखना निरंतर जारी रखिए।

धैर्य रखना भी है जरूरी

खुद में अगर आप बदलाव लाना चाहती हैं, खुद का बेटर वर्जन बनना चाहती हैं तो यह एक दिन में नहीं होगा। इसमें समय लगेगा। धीरे-धीरे यह प्रोसेस आगे बढ़ेगा। ऐसे में आपको परेशान नहीं होना है। ना ही अपनी कोशिशों को रोकना है। आप धैर्य रखकर, अपना काम करती रहिए। पर्सनालिटी ग्रूमिंग मेंटर रीता गंगवानी कहती हैं, 'आपके जीवन, व्यवहार में धैर्य का होना बहुत जरूरी है। आप अपना सौ प्रतिशत दीजिए और परिणाम पाने के लिए धैर्य रखिए। मनचाहा बदलाव अपने समय पर जरूर होगा।'

इन बातों को भी दीजिए महत्व

  • अच्छे विचारों, प्रेरित करने वाली किताबों को पढ़िए, क्योंकि अच्छी सोच का प्रभाव मन पर होता है। जब मन अच्छा महसूस करता है तो आप अच्छे से अपने सभी काम कर पाते हैं। इसलिए खुद को बेहतर बनाने के लिए अपनी थिंकिंग यानी सोच को भी पॉजिटिव बनाना सीखिए।
  • ऐसे लोगों के सर्कल में रहिए, जो खुद में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं या ला चुके हैं। इससे आपको भी खुद को बेहतर बनाने का मोटिवेशन मिलेगा।

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