होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
अध्यात्म
मनोरंजन
सेहत
जॉब अलर्ट
जरा हटके
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

Nuh Violence: हरियाणा के नल्लहड़ मंदिर में फसें लोगों को बचाने में सफल रही लेडी सिंघम, गृह मंत्री ने भी की तारीफ

Nuh Violence: हरियाणा के नल्लहड़ मंदिर में फसें लोगों को बचाने में सफल रही लेडी सिंघम, गृह मंत्री ने भी की तारीफ

Nuh Violence: गुरुग्राम में एक मस्जिद पर हमले में नायब इमाम की मौत हो गई है। इसके साथ ही हरियाणा के नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की शोभा यात्रा को रोकने की कोशिश करने पर भड़की हिंसा में मृतक संख्या बढ़कर पांच हो गई है। कई पुलिसकर्मियों के गाड़ियों को फूंक दिया गया है।

इस तनावपूर्ण स्थिति में नूंह जिले के नल्लहड़ मंदिर में 2500 से ज्यादा फंसे लोगों को बचाने में सफल रहीं लेडी सिंघम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) यानी एडीजीपी ममता सिंह की बहादुरी और दिलेरी की काफी तारीफ हो रही है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी उनकी दिलेरी की सराहना की है।

ममता सिंह ने बताया कि मंदिर में बड़ी संख्या में लोगों को बंदी बना लिया गया था और उन्हें वहां से निकलना काफी मुश्किल था। लेकिन उन्होंने जिम्मेदार लोगों के माध्यम से अपने पास गूगल लोकेशन भेजी, जिससे पुलिस फोर्स को मंदिर के अंदर ले जाया गया। उन्होंने सभी लोगों को सफलतापूर्वक छुड़ा दिया

कौन है ममता सिंह:
ममता सिंह 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और डॉक्टर बनने की पढ़ाई छोड़कर पुलिस सेवा में चुनाव किया था। उनकी कड़ी और सख्त व्यवस्था वाले तेवर कानून व्यवस्था के लिए जानी जाती हैं। वे बाबा राम रहीम की बेटी हरमनप्रीत सिंह से निपटने में भी मशहूर हुई हैं।

ममता सिंह क्या बोली:
ममता सिंह को राष्ट्रपति से भी पदक मिल चुका है, और मानवाधिकार आयोग की कई जांचों में उनके योगदान को सुप्रीम कोर्ट ने भी सराहा है।

हिंसा के विरुद्ध अपने भाषण में बताया कि नूंह से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं और उसके बाहर आम तौर पर बड़ी घटनाएं नहीं होती हैं। इसके संबंध में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और जांच भी जारी है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गुरुग्राम में भी भड़की हिंसा:
पुलिस ने बताया कि गुरुग्राम में नूंह से भड़की हिंसा के परिणामस्वरूप एक विस्तारित घटना हुई, जिसमें शहर के सेक्टर-57 में एक मस्जिद में भीड़ द्वारा हमला किया गया। इस हमले में 26 वर्षीय इमाम की मौत हो गई और एक मस्जिद में आग लगा दी गई।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा बताया कि भीड़ ने गोलियां चलाईं, जिससे दो लोग घायल हो गए और उनमें से एक को इलाज के दौरान जान गवानी पड़ी। इमाम की पहचान बिहार निवासी साद के रूप में हुई है।

यह विस्तारित घटना देश में हिंसा की एक और उच्चायुक्त उठाने वाली घटना है, जो नूंह और उससे उत्पन्न दंगों के प्रभाव को दर्शाती है। इस तरह के घातक हमलों को रोकने और समाज में शांति और सद्भाव को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि सभी तरह के उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

Read More: मणिपुर मामले में सुनवाई शुरू, CBI पीड़ित महिलाओं की दर्ज करेंगे बयान

 


संबंधित समाचार