MLA Nirmala Sapre : मध्य प्रदेश के बीना से विधायक निर्मला सप्रे एक बार फिर सियासी बहस के केंद्र में आ गई हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुईं सप्रे ने अभी तक अपने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। अब भाजपा की मंडल कार्यसमिति में उनका नाम आने से विवाद और गहरा गया है। पार्टी ने उन्हें बीना नगर मंडल का स्थाई आमंत्रित सदस्य घोषित कर दिया था, जिसे बाद में 'गलती' बताते हुए हटा दिया गया।
दोहरी निष्ठा निभा रहीं निर्मला सप्रे - कांग्रेस
कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर भाजपा पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि एक तरफ निर्मला सप्रे कांग्रेस से विधायक हैं और दूसरी तरफ भाजपा की गतिविधियों में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। कांग्रेस प्रवक्ता शैलेंद्र पटेल और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि सप्रे का तत्काल इस्तीफा लिया जाए। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं के हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेज भी साझा किए हैं।
भाजपा की सफाई, गलती से...
सागर जिले के भाजपा अध्यक्ष श्याम तिवारी ने सफाई देते हुए कहा कि यह तकनीकी गलती थी। उन्होंने दावा किया कि पहली सूची अनजाने में जारी हो गई थी, जिसे बाद में सुधार कर सही सूची प्रकाशित कर दी गई। भाजपा का कहना है कि निर्मला सप्रे को पार्टी का स्थायी आमंत्रित सदस्य नहीं बनाया गया है।
राजनीतिक संकट गहरा रहा
इस विवाद के चलते बीना में उपचुनाव की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है कि अगर विधायक ने भाजपा जॉइन कर ली है तो वे कांग्रेस के टिकट पर सदन में कैसे रह सकती हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है और नैतिकता का पालन नहीं कर रही।
"बीजेपी झूठ बोलने में माहिर" - कटारे
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने झूठ से हकीकत को छुपाना चाहती है, लेकिन अब सच सामने आ चुका है। कटारे ने कहा कि भाजपा को चाहिए कि जनता को भ्रमित करने के बजाय सच्चाई स्वीकार करे।