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छत्तीसगढ़ में जमीन डायवर्सन अब ऑनलाइन, 16वें दिन अपने-आप जारी होगा आदेश

छत्तीसगढ़ में जमीन डायवर्सन अब ऑनलाइन, 16वें दिन अपने-आप जारी होगा आदेश

छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन डायवर्सन की जटिल और लंबी प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने का फैसला किया है। नए प्रस्तावित सिस्टम के बाद किसानों और भूमि स्वामियों को डायवर्सन के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। सरकार ने इसके लिए एक नया पोर्टल तैयार किया है, जिस पर दावा–आपत्ति की अवधि समाप्त होते ही प्रक्रिया लागू हो जाएगी।

आवेदन से आदेश तक सब कुछ ऑनलाइन

नए नियमों के अनुसार, किसी भी भूमि स्वामी को अपनी जमीन का डायवर्सन करवाने के लिए सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ भू-राजस्व और प्रीमियम की निर्धारित राशि भी ऑनलाइन ही जमा करनी होगी।

भुगतान पूरा होने के बाद आवेदन स्वतः संबंधित एसडीएम के पास पहुंच जाएगा।एसडीएम को अधिकतम 15 दिनों के भीतर आदेश जारी करना होगा।
अगर वे समय सीमा में निर्णय नहीं लेते हैं, तो 16वें दिन सिस्टम स्वतः डायवर्सन आदेश जारी कर देगा।

नया कानूनी ढांचा तैयार

राज्य सरकार ने इस बदलाव के लिए छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता—व्यपवर्तित भूमि के लिए भू-राजस्व निर्धारण एवं पुनर्निर्धारण नियम 2025 का मसौदा जारी किया है।
दावा–आपत्ति के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। सभी आपत्तियों के निपटारे के बाद नियमों को औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा।

लंबी प्रक्रिया से राहत

फिलहाल डायवर्सन प्रक्रिया अत्यंत समय लेने वाली है। एसडीएम को आदेश जारी करने के लिए 60 दिन का समय मिलता है और उसके बाद भी कई मामले महीनों लटके रहते हैं। बड़ी संख्या में आवेदक लगातार दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर होते हैं, जिसके कारण हजारों प्रकरण लंबित हैं।

नए डिजिटल मॉडल से न केवल तेजी आएगी बल्कि अनौपचारिक लेन-देन पर भी अंकुश लगाने की उम्मीद है।

प्रीमियम दरों का निर्धारण

सरकार ने नई प्रणाली में डायवर्सन के लिए प्रीमियम दरें भी तय कर दी हैं, जो 3 रुपये प्रति वर्गमीटर से 25 रुपये प्रति वर्गमीटर तक होंगी।
ये दरें अलग-अलग क्षेत्रों और उपयोग के आधार पर तय की गई हैं—

नगर निगम, पालिका, नगर पंचायत

ग्रामीण क्षेत्र

आवासीय

कॉलोनी विकास

वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रयोजन

संस्थागत एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ

विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)


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