रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रख्यात हिंदी साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल का मंगलवार शाम 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने रायपुर स्थित एम्स में अंतिम सांस ली। उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
स्वास्थ्य कारणों से थे अस्पताल में भर्ती
मिली जानकारी के अनुसार, सांस लेने में तकलीफ के चलते 2 दिसंबर को विनोद कुमार शुक्ल को एम्स में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति गंभीर होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मंगलवार की शाम उनका देवलोक गमन हो गया।
छत्तीसगढ़ के पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता
हाल ही में विनोद कुमार शुक्ल को भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें यह सम्मान ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आर.एन. तिवारी ने वाग्देवी की प्रतिमा और पुरस्कार राशि का चेक प्रदान कर दिया था। वे छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार थे जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ।
भाषा और विचारों को लेकर दिया था भावुक संदेश
ज्ञानपीठ सम्मान ग्रहण करते समय विनोद कुमार शुक्ल ने कहा था कि आज जब हिंदी सहित कई भाषाओं पर संकट की बात हो रही है, उन्हें पूरी उम्मीद है कि नई पीढ़ी हर भाषा और हर विचारधारा का सम्मान करेगी। उन्होंने कहा था कि किसी भाषा या अच्छे विचार का नष्ट होना, दरअसल मनुष्यता का नष्ट होना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जाना था हाल-चाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस पर रायपुर आगमन के दौरान फोन पर विनोद कुमार शुक्ल का हालचाल जाना था। बातचीत के दौरान शुक्ल ने प्रधानमंत्री से कहा था कि लिखना उनके लिए सांस लेने जैसा है और वे जल्द स्वस्थ होकर घर लौटकर लेखन कार्य जारी रखना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X अकाउंट पर लिखा, “ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन से अत्यंत दुःख हुआ है। हिंदी साहित्य में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और सभी प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
सीएम विष्णु देव साय ने किया सम्मान व्यक्त
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ट्वीट कर कहा, “महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन छत्तीसगढ़ और साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ‘नौकर की कमीज’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ जैसी उनकी रचनाएँ साधारण जीवन में गरिमा लाती हैं। विनोद जी हमेशा हमारे हृदय में छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में जीवित रहेंगे। मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों और पाठकों के साथ हैं।”
पूर्व सीएम भूपेश बघेल की श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा, “छत्तीसगढ़ की साहित्यिक धरोहर, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन पूरे प्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने रायपुर के AIIMS में आज 04:58 बजे अंतिम सांस ली। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवारजनों तथा शुभचिंतकों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।”
डिप्टी सीएम अरुण साव ने जताई संवेदना
डिप्टी मुख्यमंत्री अरुण साव ने लिखा, “प्रख्यात साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है। परमेश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस कठिन समय को सहने की शक्ति प्रदान करें।”