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नक्सल प्रभावित गांव को आजादी के अमृत महोत्सव का ख़ास तोहफा : रेलवे के 169 साल के इतिहास में पहली बार इस रूट पर चली रेल

नक्सल प्रभावित गांव को आजादी के अमृत महोत्सव का ख़ास तोहफा : रेलवे के 169 साल के इतिहास में पहली बार इस रूट पर चली रेल

CHHATTISGARH :आखिर बरसों से ट्रेन का इन्तजार कर रहे नक्सल प्रभावित छेत्र अंतागढ़ में पहली बार ट्रेन शुरू हो ही गई, इस शुरुआत के साथ ही अब अंतागढ़ से रोजाना एक पैसेंजर ट्रेन दोपहर 1.35 बजे रवाना होकर 1.50 बजे केंवटी, 2 बजे भानुप्रतापपुर और शाम 4.40 बजे दुर्ग पहुंचेगी। इस रेल परियोजना को आजादी के अमृत महोत्सव का ख़ास तोहफा बताते हुए सांसद मोहन मंडावी ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

हालांकि, यह काम साल 2019 को पूरा हो जाना था लेकिन रावघाट रेल परियोजना के तहत दल्लीराजहरा से रावघाट तक 95 किमी रेल लाइन बिछाने का कार्य शुरू होने के बाद रेल लाइन साल 2017 में गुदुम पहुंच गई। साथ ही साल 2018 में भानुप्रतापपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया। जिसके बाद आगे केंवटी तक पटरियां बिछाने का काम थोड़ी धीमी गति से शुरू हुआ। हालांकि साल 2019 में अंतागढ़ तक रेलवे लाइन बिछनी थी। लेकिन 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण प्रोजेक्ट का काम प्रभावित होने लगा। अगस्त 2021 में अंतागढ़ तक रेल लाइन बिछाने के बाद टेस्टिंग का भी काम पुरा हो गया था। फिर विभागीय लेट लतीफी के चलते पैसेंजर ट्रेन का लाभ लेने के लिए लोगों को 2022 तक का इंतजार करना पड़ा। अब 3 साल बाद अंतागढ़ स्टेशन में पहली पैसेंजर ट्रेन पहुंचेगी। 13 अगस्त से रेल मार्ग के माध्यम से अंतागढ़ रायपुर से जुड़ रहा है। ऐसे में लोगों को सहूलियत मिलेगी


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