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कोरबा में श्रमिक कानूनों के खिलाफ कोयला कर्मचारियों की हड़ताल, खदानों में कामकाज प्रभावित

कोरबा में श्रमिक कानूनों के खिलाफ कोयला कर्मचारियों की हड़ताल, खदानों में कामकाज प्रभावित

कोरबा: जिले में कोयला खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों ने श्रमिक कानूनों में प्रस्तावित बदलाव और सीएमपीडीआई (CMPDI) के निजीकरण के विरोध में हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल का सीधा असर कोयला उत्पादन पर पड़ा है, जिससे खदानों में कामकाज लगभग ठप हो गया है।

अखिल भारतीय आम हड़ताल को मिला व्यापक समर्थन

श्रमिक संगठनों ने CMPDI के निजीकरण और इसके आईपीओ लाने की योजना का विरोध करते हुए देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया था। इस हड़ताल को भारत के चार प्रमुख श्रमिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जिससे आंदोलन को और अधिक ताकत मिली है।

खदानों के बाहर तैनात श्रमिक संगठन, मजदूरों से की जा रही अपील

कोरबा जिले की लगभग सभी कोयला खदानों के प्रवेश द्वारों पर श्रमिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता डटे हुए हैं। वे नारेबाजी कर रहे हैं और खदान की ओर जाने वाले मजदूरों को रोककर उन्हें हड़ताल में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह आंदोलन मजदूरों और राष्ट्र दोनों के हित में है।

कोयला उत्पादन पर असर, संघर्ष जारी रखने की चेतावनी

हड़ताल के चलते कोयला खदानों में उत्पादन ठप हो गया है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र पर भी असर पड़ने की संभावना है। श्रमिक संगठनों ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार श्रमिक विरोधी नीतियों में बदलाव नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने का संकल्प दोहराया है।


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