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Satna News : आजादी के 78 साल बाद ये कैसी नियति? सड़क बनी मौत!

Satna News : आजादी के 78 साल बाद ये कैसी नियति? सड़क बनी मौत!

सतना : आज़ादी के 78 साल बाद भी देश के कई हिस्सों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव एक कड़वी सच्चाई है। नागौद तहसील के द्वारी गांव में हाल ही में घटी एक हृदय विदारक घटना इस सच्चाई का भयावह चेहरा दिखाती है, जहां एक महिला ने सड़क न होने के कारण समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से दम तोड़ दिया। यह घटना उन सभी दावों और समारोहों पर सवाल उठाती है जो हम आज़ादी के नाम पर हर साल देखते हैं।

आज़ादी की चमक अभी भी अंधेरे में

देशभर में तिरंगा यात्राएं निकाली जाती हैं, ऐतिहासिक स्थलों पर आज़ादी के तराने गाए जाते हैं, और संविधान बचाने की लड़ाई के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जाती हैं। लेकिन द्वारी के लोग जिस दर्द से गुज़र रहे हैं, वह इन सब से कहीं परे है। जनप्रतिनिधियों द्वारा सांत्वना के नाम पर बनाए जा रहे वीडियो रील या मीसा बंदियों की संतानों को मिल रहे सरकारी "मलहम" भी इस मौत की कीमत नहीं समझ सकते। यह घटना दर्शाती है कि कुछ लोगों के लिए आज़ादी की चमक अभी भी अंधेरी दरारों में छिपी हुई है।

मौत का जिम्मेदार कौन?

करोड़ों रुपये अमेरिका जैसी सड़कों के दावों पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन अगर इसका एक छोटा सा हिस्सा भी द्वारी जैसी जगहों पर लगाया गया होता, तो शायद उस महिला की जान बच जाती। इस दुखद घटना के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। सबसे पहले, ग्रामीणों द्वारा चुने गए सरपंच की जवाबदेही बनती है, जो गांव के भले के लिए प्रतिबद्ध था। दूसरा दोषी सचिव है, जो इस महत्वपूर्ण सड़क को ग्राम कार्य योजना में शामिल नहीं करवा सका। इसके बाद, ऊपर के अधिकारियों की एक पूरी श्रृंखला है जो इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है।

क्या मंत्री जवाबदेही?

लेकिन सबसे बड़ी जवाबदेही और जिम्मेदारी राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी की है। आप वर्तमान शासन का हिस्सा हैं, नीति-नियंता हैं। जब आप 24 घंटे लाल-हरी झंडी लगी गाड़ियों के बीच चलती हैं, तब आपकी विधानसभा क्षेत्र में हुई यह मौत सीधे तौर पर आपके नेतृत्व पर प्रश्नचिह्न लगाती है। सवाल यह है कि क्या इस मौत की कीमत पर गांव वालों को उनकी सड़क मिल पाएगी? या फिर एक सड़क के लिए यह कीमत बहुत कम है? यह घटना हमें मजबूर करती है कि हम आज़ादी के वास्तविक अर्थ और उसके वादों को पूरा करने की दिशा में अपनी सामूहिक विफलता पर आत्मचिंतन करें।


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