भोपाल : दिल्ली में हुए नए जिलाध्यक्षों की पहली मीटिंग में राहुल गाँधी ने सभी के लिए टारगेट तय कर गुटबाजी से दूर रहने की सलाह दी। राहुल ने 2028 में होने वाले चुनाव को लेकर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश भी जारी किए। जिसमे उन्होंने साफ़ कहा कि जो अच्छा काम करेंगे उन्हें ही आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं राहुल ने यह भी कहा कि कोई भी कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो उसे जिलाध्यक्ष की बात माननी ही पड़ेगी, केवल अपवाद स्वरूप ही पार्टी के बड़े नेताओं से बातचीत की जाएगी।
हर 3 महीने में होगा कामकाज का आकलन
राहुल गांधी ने सभी जिला अध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र में मतदाता सूची का पुनःनिरीक्षण करने का टास्क दिया है । साथ ही 10 दिन के अंदर सभी कार्यालयों में काम शुरू करने के निर्देश भी दिए है। जिला अध्यक्षों के लिए तैयार ब्लूप्रिंट के अनुसार हर महीने जिले में एक बड़ा प्रदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस होगा। तो वही जिला अध्यक्षों को एक महीने में पंचायत कमेटी बनानी होगी। जिला अध्यक्षों के कामकाज की निगरानी AICC द्वारा की जाएगी।
जिला अध्यक्षों को 10 दिन की होगी ट्रैनिंग
काम शुरू करने को लेकर जिला अध्यक्षों को 10 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही 31 अगस्त को कांग्रेस द्वारा रतलाम में वोट चोर, गद्दी छोड़ आंदोलन किया जायेगा। जिसमे पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे। इधर, जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर उठ रहे विवाद को लेकर राहुल ने साफ़ कहा कि जिलाध्यक्षों का चयन संगठन सृजन के अंतर्गत पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर हुआ है। छह महीने तक किसी भी जिलाध्यक्षों को बदला नहीं जायेगा। हालांकि कामों के मूल्यांकन के आधार पर करवाई की जाएगी।
गुटबाजी से दूर रहने की दी सलाह
संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत शहर और ग्रामीण द्वारा मिलाकर बने मध्य प्रदेश के कुल 71 जिलाध्यक्षों को राहुल गांधी ने किसी का रिमोट न बनने की नसीहत दी। साथ ही गुटबाजी और अपनी-अपनी चलाने वाले बड़े नेताओं को समन्वय कर एक साथ काम करने के निर्देश दिए।