मुकेश शर्मा, शाजापुर : शाजापुर जिले की गुलाना तहसील में एक हैरान कर देने वाली प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। ग्राम पलसावद में ग्राम आबादी के स्वामित्व प्रमाण पत्रों में बड़ी त्रुटि करते हुए 30 से अधिक हितग्राहियों के दस्तावेज़ों में भूमि स्वामी के रूप में शासकीय मध्य प्रदेश और पिता का नाम रामप्रसाद दर्ज कर दिया गया है। इस बड़ी गलती के कारण पट्टाधारी बेहद परेशान हैं और पिछले दो महीनों से उसका सुधार करवाने के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ग्राम पलसावद में ग्राम आबादी से संबंधित स्वामित्व प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। लेकिन इन पट्टों में पट्टाधारियों के नाम के स्थान पर गलत रूप से शासकीय मध्य प्रदेश को भूमि स्वामी पिता रामप्रसाद लिख दिया गया। इस त्रुटि से प्रभावित हितग्राही रामप्रसाद ने बताया कि वह दो माह से तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने पटवारी संतोष धनोतिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गड़बड़ी सुधारने के लिए पटवारी द्वारा उनसे पैसे की मांग की गई।
रामप्रसाद ने यह भी कहा कि आरआई मोहित मंडलोई को बंटांकन त्रुटि सुधारने के लिए कई बार फोन लगाया गया, लेकिन केवल बहाने बनाकर मामले को टाल दिया गया। रामप्रसाद ने आरोप लगाया है कि जगह गलत दर्ज होने से परिवार में झगड़े हो रहे हैं, लेकिन हमारी सुनवाई कहीं नहीं हो रही।
तहसीलदार-SDM ने झाड़ा पल्ला
मामले में जब तहसीलदार गुलाना रितेश जोशी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में एसडीएम से बात की जाए। यह जवाब हितग्राहियों की बढ़ती परेशानी को और बढ़ा रहा है, जबकि तहसीलदार का कार्यक्षेत्र इसी प्रकार की त्रुटियों को दुरुस्त करवाना है। वहीं एसडीएम आलोक वर्मा ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और वर्तमान में वे निर्वाचन कार्यों में व्यस्त हैं। उन्होंने मामले को देखवाने की बात कही।
मामला सामने आने के बाद स्पष्ट है कि जिम्मेदार अधिकारी किसानों और आम लोगों की समस्याओं प्रति संवेदनशील नहीं दिख रहे। जबकि कलेक्टर शाजापुर द्वारा रोजाना वीसी के माध्यम से नामांकन-बंटवारा कार्यों की समीक्षा की जाती है, फिर भी लापरवाही का आलम जारी है।