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Medha Patkar : 25 साल पुराने मानहानि मामले में मेधा पाटकर को कोर्ट से मिली राहत

Medha Patkar : 25 साल पुराने मानहानि मामले में मेधा पाटकर को कोर्ट से मिली राहत

Medha Patkar : सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मेधा पाटकर को दोषी करार दिए जाने के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मेधा पाटकर पर लगे जुर्माने को हटा दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मेधा पाटकर पर लगी प्रोबेशन की सजा को भी निरस्त कर दिया है। जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिए एन के सिंह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है।

कोर्ट ने दी राहत

बता दें कि मेधा पाटकर ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी थी। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की तरफ से दाखिल मानहानि के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को निचली अदालत और हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा लेकिन हाईकोर्ट ने पाटकर को राहत देते हुए प्रोबेशन की उस शर्त में संशोधन कर दिया है जिसके तहत मेधा पाटकर को हर तीन महीने में ट्रायल कोर्ट में पेश होना पड़ता था। अब वह ऑनलाइन या फिर किसी वकील के माध्यम से अदालत में पेश हो सकती हैं।

यह है मामला?

साल 2000 में वीके सक्सेना गुजरात के एक सामाजिक संगठन के अध्यक्ष थे। ⁠तब मेधा पाटकर ने सक्सेना पर मानहानि के आरोप लगाए थे। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 1 जुलाई 2024 को मेधा को आईपीसी  धारा 500 (मानहानि) के तहत दोषी करार देते हुए 5 महीने के  कारावास की सजा सुनाई थी और उन पर 10 लाख रु.का जुर्माना भी लगाया था। सेशन कोर्ट ने पाटकर को 25,000 रु. का प्रोबेशन बॉन्ड भरने पर अच्छे आचरण के आधार पर रिहा कर दिया था। और उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भरने की पूर्व शर्त भी लागू की थी।


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